जल जीवन मिशन घोटाला: 136 करोड़ रुपए का फर्जी भुगतान उजागर, महिला IAS अफसर की जांच में बड़ा खुलासा

जल जीवन मिशन घोटाला
Jal Jeevan Mission scam : भोपाल/रीवा जिले में जल जीवन मिशन में 136 करोड़ रुपये के फर्जी भुगतान का सनसनीखेज मामला सामने आया है। माना जा रहा है कि यह प्रदेश का पहला ऐसा घोटाला है जिसकी जानकारी प्रमाण सहित सरकार के पास पहुंची हे। रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल के आदेश पर हुई इस जांच को 2022 बैच की एक अन्य महिला आईएएस अधिकारी सोनाली देव ने अंजाम तक पहुंचाया।
क्या हुआ घोटाले में?
27 जून 2023 को गठित 5 सदस्यीय जांच समिति ने पीएचई कार्यालय रीवा के वित्तीय दस्तावेजों की जांच की। इसमें पाया गया कि ठेकेदारों और कंपनियों को बिना नियमों के 136.28 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया। यह रकम जल जीवन मिशन, हैंडपंप मरम्मत, टीपीआई, आईएसए, स्टेशनरी, वाहन, फोटोकॉपी जैसी मदों में खर्च दिखाई गई।
जांच रिपोर्ट दबी रह गई
सोनाली देव ने 4 मार्च 2024 को अपनी रिपोर्ट कलेक्?टर को सौंपी, जिसके बाद इसे संभागायुक्त कार्यालय होते हुए मंत्रालय भेजा गया। लेकिन एक साल बीतने के बाद भी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। रिपोर्ट मंत्रालय में दबी पड़ी है। इस मामले में स्वदेश ने मंत्रालय के वरिष्?ठ अधिकारियों से कई बार संपर्क किया लेकिन किसी ने कोई जवाब नहीं दिया। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का मामला इन दिनों सुर्खियों में है और उसकी आंच विभाग की मंत्री संपतिया उइके व कई वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंची है।
कौन-कौन दोषी?
रिपोर्ट में 24 अधिकारियों-कर्मचारियों को जिम्मेदार बताया गया है, जिनमें प्रमुख नाम हैं:
शरद कुमार सिंह, संजय पांडेय (कार्यपालन यंत्री)
एसके श्रीवास्तव, आरके सिंह (उपयंत्री)
राजीव श्रीवास्तव, सैयद शायक नकवी (ऑडिटर)
अर्चना दुबे, विकास कुमार, रहीम खान आदि।
अनियमित भुगतान का ब्योरा
जल जीवन मिशन 130.47 करोड़
हैंडपंप मेंटिनेंस 3.17 करोड़
टीपीआई 74.64 लाख
आईएसए 85.70 लाख
स्टेशनरी, वाहन, फोटोकॉपी 1.02 करोड़
कुल 136.28 करोड़
