इंदौर: सरकारी स्कूल की छात्राओं से अमानवीय व्यवहार की शिकायत PMO तक पहुंची, राज्य सरकार को मिले जांच के आदेश

सरकारी स्कूल की छात्राओं से अमानवीय व्यवहार की शिकायत PMO तक पहुंची
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सरकारी स्कूल की छात्राओं से अमानवीय व्यवहार की शिकायत PMO तक पहुंची

मध्यप्रदेश। इंदौर में सरकारी स्कूल की छात्राओं से दो मेल टीचरों के अमानवीय व्यवहार की शिकायत पीएमओ तक पहुंच गई है। पेशाब के लिए बोतल लाने और डबल मीनिंग बातें करने के मामले में PMO ने संज्ञान लिया है। इस मामले में मध्यप्रदेश सरकार को जांच के आदेश दिए हैं।

दरअसल, बच्चियों से अमानवीय व्यवहार करने के मामले में एसडीएम ने जांच बैठाई थी। जांच में पाया गया कि, बच्चियों के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। इस संबंध में एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई थी। जांच के बावजूद FIR न दर्ज किए जाने पर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की जा रही है।

जांच एसडीएम नेता राठौर द्वारा की गई थी। समाजसेवी द्वारा इस मामले में थाने में शिकायत की गई। शिकायत के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं हुई। शिकायत में कहा गया था कि, स्कूल की नाबालिग बच्चियों से डबल मीनिंग बात की जाती है। मारपीट और स्कूल टाइम में सामान लेने भेजने की भी बात शिकायत में शामिल है।

साल 2016 में एडीएम नीता राठौर ने स्कूल पहुंचकर बच्चियों के बयान दर्ज किए थे। बच्चियों ने उस समय बताया था कि, स्कूल में उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया था। यह भी बात बच्चियों ने कही थी कि, लीव मांगने पर उन्हें बोतल में पेशाब करने के लिए कहा जाता था।

एसडीएम ने दोनों शिक्षकों को निलंबित करने के लिए सिफारिश की थी। सालों तक इस मामले में कोई एक्शन नहीं हुआ। इसके बाद 2025 में अब पीएमओ को 'डिमांड ऑफ जस्टिस' याचिका भेजी गई। पीएमओ ने मामले में संज्ञान लेते हुए मध्यप्रदेश शासन को जांच के लिए कहा है। इस जांच की जिम्मेदारी CM हेल्पलाइन के डायरेक्टर संदीप अस्थाना को सौंपी गई है।

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