भोपाल में लव जिहाद की भेंट चढ़ी हिंदू मॉडल, दोस्त छोड़ कर भागा

बजरंग दल ने थाना घेरा: आरोपी को दूसरे थाने ले जाकर बचाई जान
राजधानी में सुनियोजित तरीके से लव जिहाद का खेल चल रहा है, जिसका शिकार 27 वर्षीय हिंदू मॉडल खुशबू अहिरवार उर्फ खुशी बन गई। रविवार- सोमवार की दरमियानी रात उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलने के बाद बजरंग दल के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने खजूरी सड़क थाना घेर लिया। इस कारण पुलिस ने मामले के मुख्य संदेही कासिम अहमद को दूसरे थाने पहुंचाकर सुरक्षा सुनिश्चित की। खजूरी सड़क थाना पुलिस मामले पर खुलकर प्रतिक्रिया नहीं दे रही है।
हिंदू मॉडल संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मृत
एसीपी बैरागढ़ संभाग आदित्य राज सिंह ने बताया कि सागर जिले के मंडी बामौरा की रहने वाली खुशबू के शरीर पर चोटों के निशान पाए गए हैं। मां लक्ष्मी अहिरवार और बहन के बयान दर्ज किए जाएंगे। फिलहाल पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार है। कासिम अहमद से पूछताछ की जा रही है। वह भोपाल के निशातपुरा स्थित करोंद में साइबर कैफे चलाता है और खुशबू कुछ महीनों से उसके साथ रह रही थी।
परिजनों का हत्या का आरोप
खुशबू की मां, लक्ष्मी अहिरवार ने हत्या का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि तीन दिन पहले कासिम ने कॉल कर कहा था कि वह उसे उज्जैन ले जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि हत्या में एक से अधिक लोग शामिल हो सकते हैं, क्योंकि खुशबू के गले, पीठ, कंधे, सिर और प्राइवेट पार्ट पर चोटों के निशान हैं।
इंस्टाग्राम प्रोफाइल 'डायमंड गर्ल' नाम से था
खुशबू का इंस्टाग्राम प्रोफाइल 'डायमंड गर्ल' नाम से था और उसके 12 हजार से ज्यादा फॉलोवर्स थे। पहले वह बीए की पढ़ाई कर रही थी, लेकिन बाद में मॉडलिंग में आ गई। खजूरी सड़क थाना पुलिस प्रारंभ में मामले को दबाती रही, लेकिन बजरंग दल की सक्रियता और परिवार द्वारा मीडिया को दिखाए गए वीडियो के बाद पुलिस ने कार्रवाई की। दोस्त खुशबू को एक अस्पताल के बाहर छोड़कर भाग गया था।
शॉर्ट पीएम में गर्भवती होने का खुलासा
देर शाम पुलिस को गांधी मेडिको-लीगल संस्थान से शॉर्ट पीएम रिपोर्ट मिल गई है। डीसीपी जोन-2 मयूर खंडेलवाल ने बताया कि खुशबू अहिरवार गर्भवती थी। इस अवस्था में कई बार जटिल स्थिति बन जाती है। हालांकि, पूरी रिपोर्ट अभी भी आनी बाकी है, जिसके बाद अभिर्याजन से राय लेकर अगली कार्रवाई की जाएगी।
मजहब के नाम पर ये छल आखिर कब तक?
राजधानी में मॉडल के साथ हुई लव जिहाद की घटना सिर्फ एक अपराध नहीं है, बल्कि समाज के सामने खड़ी एक गहरी मानसिकता की पोल खोलती है। यह मानसिकता 'मजहब के नाम पर छल' और 'लव जिहाद' के जरिए युवतियों को निशाना बनाती है। नाम बदलकर विश्वास जीतना, फिर कन्वर्जन या शारीरिक शोषण का दबाव डालना — यह न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि सभ्यता और मानवता पर कलंक है।
मध्यप्रदेश जैसी शांत भूमि पर ऐसी वारदातें लंबे समय से होती आ रही हैं। ये घटनाएं बताती हैं कि तंत्र और शासन की निगरानी कितनी कमजोर है। पुलिस तब हरकत में आती है जब घटना सुर्खियों में आ जाती है, पर रोकथाम और जागरूकता के स्तर पर लगभग शून्य प्रयास दिखाई देते हैं। यह ढुलमुल रवैया अपराधियों को साहस देता है। वे जानते हैं कि राजनीतिक हितों और 'साम्प्रदायिकता' के डर से प्रशासन सख्त कदम नहीं उठाएगा।
सच्चाई यह है कि यह किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा और सामाजिक संतुलन का सवाल है। ऐसी घटनाओं में 'मजहब' का आवरण ओढ़े अपराधियों पर कठोरतम कार्रवाई होनी चाहिए। धर्मांतरण कानून का सख्त अनुपालन, साइबर ब्लैकमेल और यौन हिंसा के मामलों में त्वरित न्याय सुनिश्चित किया जाना चाहिए। समाज को भी इस धोखे के खिलाफ जागरूक होना होगा। प्रेम या विवाह के नाम पर किसी का धर्म या अस्मिता छीन लेना अपराध है। यदि तंत्र अब भी आंख मूंदे बैठा रहेगा, तो यह आग केवल पीड़ित परिवारों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि पूरे समाज की आत्मा को झुलसा देगी।
