MP Promotion Rule: पदोन्नति नियम पर हाईकोर्ट में आज सुनवाई, सरकार को देना होगा अहम सवालों का जवाब

MP Promotion Rule : भोपाल। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में मंगलवार 15 जुलाई को पदोन्नति नियम 2025 के लिए लगाई गई याचिकाओं पर सुनवाई होगी। पिछली सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पदोन्नति नियम 2025 के तहत पदोन्नति प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए सरकार से जवाब मांगा था। आज होने वाली सुनवाई के दौरान सरकार को स्पष्ट करना है कि पदोन्नति नियम 2025 और पदोन्नति नियम 2002 में क्या अंतर है। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश की बेंच में दोनों याचिकाओं पर सुनवाई होना है।
न्यायालय में सरकार का पक्ष रखे जाने के बाद न्यायालय मंगलवार को पदोन्नति मामले में क्या निर्णय लेता है, इस पर प्रदेश के लाखों शासकीय सेवकों की नजर टिकी हुई है। उल्लेखनीय है कि पदोन्नति नियम 2025 के खिलाफ पशुपालन विभाग एवं ऊर्जा विभाग के कर्मचारियों ने याचिका क्रमांक 24880/25 और 24914/2025 लगाई थीं।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने 7 जुलाई 2025 को मध्य प्रदेश लोक सेवा (पदोन्नति) नियम 2025 को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई की थी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की खंडपीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए 2002 के नियमों और 2025 के नए नियमों के बीच तुलनात्मक तालिका प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।
याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि नए नियम सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हैं। ये नियम 2002 के उन नियमों के समान हैं जिन्हें पहले रद्द किया जा चुका है।
याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि 2025 के नियम संवैधानिक प्रावधानों, विशेष रूप से संविधान के अनुच्छेद 16 (4ए), 16 (4बी), और 335, साथ ही एम. नागराज मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हैं।
याचिकाकर्ताओं ने बताया कि 2002 के नियमों को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने पहले रद्द कर दिया था, क्योंकि वे संवैधानिक प्रावधानों और सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के विपरीत थे। इसके बावजूद, राज्य सरकार ने मामूली बदलावों के साथ 2025 में नए नियम लागू किए, जो याचिकाकर्ताओं के अनुसार पुराने नियमों की नकल हैं।
