ग्वालियर: प्राचीन जैन तीर्थंकर प्रतिमाओं पर रील बनाने वालों के खिलाफ FIR, लोगों में आक्रोश

प्राचीन जैन तीर्थंकर प्रतिमाओं पर रील बनाने वालों के खिलाफ FIR, लोगों में आक्रोश
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ग्वालियर, मध्यप्रदेश। प्राचीन जैन तीर्थंकर प्रतिमाओं के सामने अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए रील बनाने वालों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है। आरोपियों ने ग्वालियर के किले के पास प्राचीन जैन तीर्थंकर प्रतिमाओं को चप्पल भी रखी थी। मंगलवार देर रात प्रीति कुशवाहा और लखन कुशवाहा नाम के दो आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है। वायरल वीडियो में जैन तीर्थंकर प्रतिमाओं के अपमान से जैन समाज आक्रोशित है।

सोशल मीडिया पर वायरल रील ने मचाया बवाल :

ग्वालियर किले पर स्थित प्राचीन जैन तीर्थंकर प्रतिमाओं के सामने प्रीति कुशवाह और उनके साथी लखन कुशवाह ने एक रील बनाई थी। इस वीडियो में अभद्र भाषा और जूते-चप्पल पहनकर प्रतिमाओं के पास बैठने की हरकत से जैन समाज में रोष फैल गया। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने इसकी कड़ी निंदा की।

जैन समाज का कड़ा विरोध

जैन समुदाय ने ग्वालियर के एसएसपी धर्मवीर सिंह को ज्ञापन सौंपकर वीडियो बनाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और एफआईआर की मांग की थी। उनका कहना था कि, यह कृत्य उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए रात 12 बजे एफआईआर दर्ज की और आरोपियों पर कार्रवाई शुरू की।

प्रीति और लखन की माफी

विवाद बढ़ने पर प्रीति कुशवाह ने इंस्टाग्राम से विवादित रील हटा ली है और एक नया वीडियो डालकर माफी मांगी है। दोनों ने कहा कि, उन्हें नहीं पता था कि ये जैन धर्म की प्रतिमाएं हैं। उन्होंने अपनी भूल स्वीकार की और जैन समाज से क्षमा मांगते हुए ऐसी गलती दोबारा न करने का वचन दिया।

जैन मुनि की सख्त टिप्पणी

जैन मुनिश्री विलोक सागर ने इस घटना को धार्मिक आस्था पर हमला करार दिया। उन्होंने कहा कि दिगंबर जैन प्रतिमाएं पूजनीय हैं और खंडित होने के बावजूद उनका सम्मान जरूरी है। यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, जिसका अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुनिश्री ने दोषियों के लिए कठोर सजा की मांग उठाई।

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