Project Cheetah: 8 चीतों को बोत्सवाना से दो चरणों में लाया जाएगा, प्रोजेक्ट का होगा विस्तार, 112 करोड़ रुपये खर्च

8 चीतों को बोत्सवाना से दो चरणों में लाया जाएगा, प्रोजेक्ट का होगा विस्तार, 112 करोड़ रुपये खर्च
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Project Cheetah : बोत्सवाना से दो चरणों में 8 चीते भारत लाए जाएंगे। अब तक प्रोजेक्ट में मिली सफलता के आधार पर इस प्रोजेक्ट के विस्तार पर सहमति बन गई है। चीता प्रोजेक्ट की समीक्षा के दौरान यह जानकारी सामने आई कि, 20 अप्रैल को गांधी सागर अभयारण्य से चीता प्रोजेक्ट का विस्तार होगा। शुक्रवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने चीता प्रोजेक्ट की समीक्षा की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में कूनो नेशनल पार्क से इस प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया गया था। अब 20 अप्रैल को गांधी सागर अभयारण्य से चीता प्रोजेक्ट का विस्तार होगा। वन्यजीव संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश की धरती पर चीता प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है। भारत और लगभग सम्पूर्ण एशिया महाद्वीप से विलुप्त हो चुके चीतों का पुनर्वास कर राज्य सरकार प्रकृति से प्रगति और प्रगति से प्रकृति के संरक्षण की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रही है।

समीक्षा में तय किया कि मध्यप्रदेश में चीता प्रोजेक्ट का विस्तार किया जाएगा। केन्द्रीय मंत्री ने कूनो नेशनल पार्क में आने वाले पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढ़ाए जाने सहित अन्य कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं, जिन पर राज्य सरकार शिद्दत से अमल करेगी।

गांधीसागर अभयारण्य में चीतों की बसाहट :

मध्यप्रदेश में श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क के बाद मंदसौर में गांधीसागर अभयारण्य प्रदेश का दूसरा ऐसा स्थान होगा, जहां चीतों को बसाया जा रहा है। आगामी 20 अप्रैल को गांधीसागर अभयारण्य से मध्यप्रदेश में चीता प्रोजेक्ट का‍ विस्तार करने जा रहे हैं। साथ ही वन्य जीव संरक्षण प्रेमियों और देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए भी यह उत्साह का अवसर है।

कूनो राष्ट्रीय उद्यान में कुल 26 चीते :

समीक्षा बैठक में वन अधिकारियों ने बताया कि, कूनो राष्ट्रीय उद्यान में वर्तमान में कुल 26 चीते हैं। इनमें से 16 चीते खुले जंगल में हैं और 10 पुनर्वास केंद्र में हैं। कूनो में चीतों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यहां ज्वाला, आशा, गामिनी और वीरा मादा चीता ने शावकों को जन्म दिया है।

चीता सफारी शुरू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका :

चीतों की निगरानी के लिए सैटेलाइट कॉलर आईडी से 24 घंटे ट्रैकिंग की जा रही है। चीतों के पुनर्स्थापना के बाद कूनो राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटकों की संख्या बढ़कर 2 साल में दोगुनी हो चुकी है। मध्यप्रदेश सरकार ने कूनो में चीता सफारी शुरू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर मंजूरी मांगी है, क्योंकि वन क्षेत्र या इको सेंसिटिव जोन में सफारी प्रारंभ करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति लेनी जरूरी है। इस याचिका पर निर्णय होना अभी शेष है।

बोत्सवाना से दो चरण में लाए जाएंगे 8 चीते :

समीक्षा बैठक में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की ओर से बताया गया कि देश में चीता प्रोजेक्ट पर अब तक 112 करोड़ रुपए से अधिक राशि व्यय की जा चुकी है। इसमें से 67 प्रतिशत राशि मध्यप्रदेश में हुए चीता पुनर्वास पर व्यय हुई है। प्रोजेक्ट चीता के तहत ही अब गांधीसागर अभयारण्य में भी चीते चरणबद्ध रूप से विस्थापित किए जाएंगे।

बता दें कि, गांधीसागर अभयारण्य राजस्थान की सीमा से लगा हुआ है, इसलिए अंतर्राज्यीय चीता संरक्षण परिसर की स्थापना के लिए मध्यप्रदेश और राजस्थान राज्य के बीच सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है। अभी कूनो और गांधीसागर अभयारण्य में चीता मित्रों की क्षमता संवर्धन के लिए उन्हें विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना तथा केन्या से और अधिक चीते भारत लाने के लिए प्रयास जारी हैं। दो चरण में 8 चीते भारत लाए जाएंगे। मई 2025 तक बोत्सवाना से 4 चीते भारत लेकर आने की योजना है। इसके बाद 4 और चीते लाये जाएंगे। फिलहाल भारत और केन्या के बीच अनुबंध पर सहमति बनाई जा रही है।

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