नागरिक बैंक में चुनाव की आहट: पारदर्शिता पर फिर उठे सवाल! प्रबंधक बोले चुनाव के लिए शासन को भेजा पत्र, विगत चुनाव के अधिकारी बोले अब तक प्राप्त नहीं हुआ कोई पत्र

अमित शुक्ला, गंजबासौदा। नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित गंजबासौदा में एकाएक चुनाव की आहट सुनाई दी जिसके बाद शहर में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया और एक बार फिर चुनाव की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं! हालांकि यह पहली बार नहीं है विगत चुनाव में भी अनेक आरोप प्रत्यारोप लगे थे और प्राप्त जानकारी के अनुसार एक सदस्य ने तो पूरे मामले को उच्च न्यायालय तक भी ले जाने की बात कही थी और अनेक जगह आरोप लगाकर लिखित में शिकायतें भी की थी लेकिन कोरोना काल प्रारंभ होने के कारण कोई भी जांच पड़ताल हुई ही नहीं और पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
अब पांच वर्ष होने को हैं इस वर्ष के अंत तक नागरिक बैंक में पुनः चुनाव होने की भी संभावना है परंतु शुक्रवार को एकाएक शहर में नागरिक बैंक के चुनाव की खबर से कुछ नागरिक आश्चर्य चकित रहे गए जब पूरे मामले की जानकारी मीडिया को लगी और नागरिक बैंक के सीईओ श्री परवेज फ़जलानी से बात की गई तब उन्होंने बताया कि संचालक मंडल की बैठक में चुनाव होना तय हुआ है हमने चुनाव कराने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है।
जब मीडिया की बात विगत चुनाव अधिकारी विदिशा रजिस्टार पी एस बारौठिया से हुई तब उन्होंने अब तक चुनाव संबंधी किसी भी प्रकार का कोई पत्र प्राप्त होने की बात से साफ इनकार कर दिया है उन्होंने कहा कि मुझे अब तक कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है अभी नागरिक बैंक में कोई चुनाव नहीं होने हैं।
अलग अलग बयान से उठ रहे सवाल
नागरिक बैंक में चुनाव की आहट की चर्चा जब बाजार में सुनाई दी तब पुष्टि व सत्यता की जानकारी के लिए मीडिया के सदस्य ने नागरिक बैंक के सीईओ परवेज फ़जलानी को उनके मोबाइल नंबर पर फोन लगाया तब फोन उठाकर फजलानी ने यह बोलकर कोई भी बात करने से इनकार कर दिया कि आप रिकॉर्डिंग कर रहे हो उन्होंने कहा कि आप पहले रिकॉर्डिंग बंद करिए फिर बात करूंगा।
रिकॉर्डिंग बंद कर बात की गई तब उन्होंने कहा कि संचालक मंडल की बैठक में चुनाव तय हुआ है ओर हमने प्रस्ताव शासन को भेज दिया है जब मीडिया के सदस्य ने पूछा कि संचालक मंडल की बैठक कब आयोजित हुई और शासन को प्रस्ताव कब भेजा तो माननीय सीईओ महोदय श्री फजलानी बोले कि इस बात की जानकारी हम आपको फोन पर नहीं दे सकते हैं अब आखिरकार ऐसा क्या मीडिया ने पूछ लिया कि सीईओ साहब उसकी जानकारी फोन पर नहीं दे सकते थे।
इस बात से पूरी पारदर्शिता पर ही प्रश्नचिन्ह लगता प्रतीत हो रहा है। जबकि चुनाव अधिकारी प्रेम सिंह बारौठिया से जब मीडिया की बात शनिवार की दोपहर को हुई तो उन्होंने किसी भी प्रकार की चुनाव संबंधी कोई भी जानकारी व प्रस्ताव के प्राप्त होने से ही साफ इंकार कर दिया। अब पूरा मामला है क्या यह कह पाना तो मुश्किल है परन्तु नागरिकों की मांग है कि इस वर्ष नागरिक बैंक के चुनाव पूर्ण पारदर्शिता के साथ हों जिससे शासन की छवि बनी रहे।
मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन तक बढ़ सकते हैं सदस्य!
शनिवार के दिन फोन पर नागरिक बैंक के विगत चुनाव अधिकारी पी एस बारोठिया से विस्तृत चर्चा हुई और चुनाव प्रक्रिया के बारे में भी पूछा तब उन्होंने बताया कि पहले चुनाव कराने के प्रस्ताव का पत्र जिला केंद्र पर मुझे प्राप्त होगा फिर में इस प्रस्ताव को प्रदेश स्तर पर शासन को भेजूंगा फिर वहां से शासन द्वारा पूरा चुनावी कार्यक्रम तय होगा एक चुनाव अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। उसके बाद विगत चुनाव से अब तक की तैयार मतदाता सूची मांगी जायेगी फिर सूची के अवलोकन के बाद मतदाता सूची में कोई दावे आपत्ति तो नहीं इसके लिए सार्वजनिक प्रकाशित की जायेगी उसके बाद मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होता है। चुनाव अधिकारी ने बताया कि सूची के अंतिम प्रकाशन से पहले कोई भी सदस्य बढ़ या घट सकता है परंतु उसके लिए संचालक मंडल की स्वीकृति आवश्यक है।
इनका कहना है
"अभी तक हमें चुनाव संबंधी कोई प्रस्ताव व पत्र प्राप्त नहीं हुआ है अभी वहां कोई चुनाव नहीं है।" - पी एस बारोठिया, पूर्व चुनाव अधिकारी, नागरिक बैंक एवं रजिस्टार विदिशा
"हमने संचालक मंडल की बैठक के उपरांत चुनाव कराने का प्रस्ताव पत्र शासन को भेज दिया है अब चुनाव के पहले कोई भी सदस्य नहीं बढ़ाया जा सकता है।" - परवेज फ़जलानी, सीईओ, नागरिक सहकारी मर्यादित बैंक, गंज बासौदा
