राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी देखने उमड़ी भीड़

31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 900 विद्यार्थियों ने प्रस्तुत किए मॉडल
राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी में देशभर से आए बच्चों और शिक्षकों ने एक से एक बढ़कर नवाचार प्रस्तुत किए। इस प्रदर्शनी में बच्चों के प्रस्तुत नवाचार मॉडलों को भरपूर सराहना मिल रही है।
प्रदर्शनी का आकर्षण छत्तीसगढ़ के कुसुमकसा, बालोद के स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय के छात्रों का नवाचार रहा। स्कूल की छात्रा खुशी विश्वकर्मा और उनकी शिक्षक सोनल गुप्ता ने बताया कि इस प्रोटोटाइप में नारियल के रेशे और परलाइट को उगाने के लिए आधुनिक मृदा-रहित कृषि तकनीक का प्रदर्शन किया गया है। इस तकनीक में पौधों को केवल पानी और आवश्यक पोषक तत्वों की सहायता से उगाया जाता है, जिससे मृदा जनित रोगों का जोखिम काफी हद तक कम हो जाता है। यह विधि स्वच्छ, अधिक कुशल खेती और स्वास्थ्यवर्धक फसलों के लिए उपयुक्त है।
प्रदर्शनी में 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 900 विद्यार्थी एवं शिक्षकों ने संयुक्त रूप से विज्ञान पर केंद्रित प्रोजेक्ट और मॉडल प्रस्तुत किए हैं। इस वर्ष का विषय “सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी” रखा गया है। बच्चों के लिए प्रदर्शनी अवलोकन सुबह 9.30 से शाम 6.30 बजे तक रखा गया है। प्रदर्शनी में प्रतिदिन विभिन्न स्कूलों के करीब 2,000 बच्चे भ्रमण कर रहे हैं।
भोजन की गुणवत्ता जांच करेगा स्मार्ट चम्मच
प्रदर्शनी में हिमाचल प्रदेश के राजकीय उत्कृष्ट माध्यमिक विद्यालय, लालपानी के बच्चों ने भोजन की गुणवत्ता की जांच के लिए भोजन प्रबंधन प्रणाली युक्त स्मार्ट चम्मच बनाया है। विद्यार्थी दिव्यांशु सोनी, गौरव और शिक्षिका नेहा शर्मा ने बताया कि इस मॉडल से भोजन की ताजगी का परीक्षण किया जा सकता है। तैयार प्रोटोटाइप में रियल-टाइम में डिजिटल स्क्रीन पर परिणाम देखे जा सकते हैं। यदि खाद्यान्न असुरक्षित पाए जाते हैं तो उपकरण अलर्ट देता है।
दर्भा घास से बनाया स्ट्रा पाइप
महाराष्ट्र के प्रगट विद्यामंदिर, रामगढ़ मालवन, सिंधु दुर्ग के छात्रों ने दर्भा घास से स्ट्रा पाइप बनाया और प्रस्तुत किया। घास से तैयार स्ट्रा का उपयोग बढ़ावा दे सकते हैं। पर्यावरण को सबसे ज्यादा खतरा प्लास्टिक से निर्मित वस्तुओं से पहुंच रहा है।
