भारत में और कितने अब्दुल: जाली दस्तावेज, बदली पहचान, भोपाल की 'नेहा किन्नर' निकली बांग्लादेशी...

जाली दस्तावेज, बदली पहचान, भोपाल की 'नेहा किन्नर' निकली बांग्लादेशी...
भोपाल। भारत में बांग्लादेशी घुसपैठिए अपनी जड़ें फैला चुके हैं। यकीन न आए तो भोपाल के किन्नर नेहा की कहानी जान लीजिए। साधारण सी दिखने वाली ट्रांसजेंडर, पुलिस जांच में बांग्लादेश से आया अब्दुल निकला।
जांच एजेंसियां सख्ते में आ गई जब खुलासा हुआ कि, बांग्लादेशी घुसपैठिए अब्दुल के पास न सिर्फ आधार कार्ड था बल्कि पासपोर्ट और राशन कार्ड भी था। जो दस्तावेज बनवाने के लिए भारत के नागरिक अपनी चप्पल घिसवा देते हैं उसे ये घुसपैठिये दलालों की मदद से आसानी से बनवा लेते हैं...
मामला भोपाल के बुधवारा इलाके का है। यहां किन्नर समुदाय के कई लोग रहते हैं। पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि, बुधवारा में रह रही ट्रांसजेंडर वीमेन एक बांग्लादेशी है। जांच के लिए टीम रवाना हुई। जब 'नेहा' हाथ लगी तो पुलिस ने पूछताछ की। पता चला कि, उसका नाम अब्दुल कलाम है, वह 15-17 साल की उम्र में अपने परिवार के साथ भारत आया था।
अब्दुल की उम्र इस समय लगभग 45 साल है। वह बीते 25 साल से भारत में है। उसने बताया कि, वह शुरुआती सालों में महाराष्ट्र में रहा । इसके बाद उसने भारत में अलग - अलग राज्यों को अपना ठिकाना बनाया। अब्दुल ने करीब 8 साल पहले भोपाल का रुख किया। इसके बाद से भोपाल का बुधवारा क्षेत्र उसका स्थायी ठिकाना है।
अब्दुल के मददगार कौन :
भारत में रहते हुए अब्दुल ने नेहा नाम से आधार कार्ड, राशन कार्ड और पासपोर्ट समेत कई दस्तावेज बनवाए। इन सब में कुछ स्थानीय एजेंट्स ने उसका साथ दिया। संभवतः भारत में घुसपैठ के लिए भी उसे और उसके साथी - रिश्तेदारों को मदद मिली हो।
भारतीय पासपोर्ट से विदेशी यात्राएं :
इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात है अब्दुल की विदेश यात्रा। उसने नेहा नाम के भारतीय पासपोर्ट से कई विदेशी यात्राएं की हैं। वह भारतीय पासपोर्ट के सहारे कहां गया और किस लिए गया यह जांच का अहम बिंदु होना चाहिए।
अब्दुल महाराष्ट्र के कुछ किन्नरों से संपर्क में था। पुलिस उसकी कॉल डीटेल और चैट्स आदि खंगाल रही है। कोशिश है कि, उससे जुड़े लोगों तक पहुंचा जा सके। उसके कुछ साथी पहले ही चोरी - मारपीट के मामलों में पकड़े जा चुके हैं। यह चिंता का विषय है कि, कैसे एक घुसपैठिए ने जाली दस्तावेज बनवाए और पुलिस - प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी।
पुलिस को इस बात का भी शक है कि, कहीं अब्दुल के ट्रांसजेंडर होने की बात उसके भारतीय दस्तावेजों जैसी झूठी तो नहीं। अस्पताल में उसका लिंग परिक्षण करवाया जा रहा है। जाली दस्तावेज बनवाने वाले दो एजेंट्स भी पुलिस हिरासत में हैं।
अब्दुल केस से जुड़े पांच बड़े सवाल:
1 भारत में अब्दुल के साथ कितने लोग आए थे और अब वे सब कहां है?
2 भारत के कितने राज्यों में अब्दुल ने यात्रा की? कौन लोग थे जिनसे अब्दुल मिला।
3 उसे भारत में घुसपैठ करने में मदद करने वाले लोग कौन थे।
4 जाली दस्तावेज बनवाने वाले लोगों की पहचान कैसे होगी?
5 किन्नर बनकर गुजारा करने से पहले अब्दुल क्या करता था?
भारत में कितने अब्दुल :
बांग्लादेशी घुसपैठ की समस्या कोई नई परेशानी नहीं है। भारत में आखिर अब्दुल जैसे कितने लोग हैं यह जानना अब जरूरी हो गया है। फर्जी दस्तावेज बनवाकर कितने बांग्लादेशी भारत में छिपे हैं यह आंकड़ा सरकार की नींद उड़ा सकता है। साल 2016 में जब अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा उठा तो सरकार ने बताया कि, भारत में 20 मिलीयन अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं। आकंड़ों का क्या स्त्रोत था यह स्पष्ट नहीं किया गया। फिलहाल कोई ऐसी ताजा रिपोर्ट नहीं है जो बता सके कि, भारत में कितने घुसपैठिए हैं।
जांच एजेंसियों के लिए अब यह बड़ी चुनौती भरा होगा कि, जाली दस्तावेज बनवाकर भारत में रह रहे घुसपैठियों की पहचान की जाए। सवाल उस सिस्टम पर भी उठते हैं जिसके तहत धड़ल्ले से फर्जी दस्तावेज बनवाए जा रहे हैं। अब्दुल तो अपराधी है ही.... उसको कानून के तहत सजा भी होगी। बड़े अपराधी हैं फर्जी आधार, राशनकार्ड और पासपोर्ट बनाने वाले अधिकारी। क्या इन अधिकारियों और कर्मचारियों का अपराध देशद्रोह के बराबर नहीं है...बात सोचने वाली है।
