भोपाल: SP द्वारा DSP समेत SDOP की पोस्टिंग के मामले में मोहन सरकार असहमत, अब तक नहीं लिया कोई निर्णय

MP Transfer Policy
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भोपाल। मध्यप्रदेश में पुलिस अधीक्षकों (SP) को अपने जिलों में उप पुलिस अधीक्षकों (DSP) और सब डिवीजनल ऑफिसर ऑफ पुलिस (SDOP) की पोस्टिंग का अधिकार देने के प्रस्ताव से सरकार असहमत है। पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) ने गृह विभाग को यह सुझाव भेजा था कि एसपी को कलेक्टरों की तरह ही अपने जिले में अधिकारियों की नियुक्ति का अधिकार मिलना चाहिए, ताकि वे अपनी टीम चुन सकें और अपराध नियंत्रण को मजबूत कर सकें।

मध्य प्रदेश पुलिस के लगभग 400 डीएसपी की पोस्टिंग और ट्रांसफर का अधिकार एसपी को सौंपने की नई नीति को लेकर विवाद हो रहा था। फील्ड और मुख्यालय में तैनात डीएसपी इस फैसले का विरोध कर रहे थे। मध्य प्रदेश पुलिस सेवानिवृत्त राजपत्रित अधिकारी संघ ने इसे अनुचित ठहराया था। संघ के कोषाध्यक्ष और पूर्व डीएसपी केडी सोनकिया ने कहा था कि मोहन यादव सरकार दिग्विजय सिंह सरकार की राह पर चल रही है।

दरअसल, साल 2000 में दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने भी ऐसा ही फैसला लिया था, जिसे 2002 में वापस लेना पड़ा था। इस नीति से डीएसपी की स्वतंत्रता प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही थी। कुछ लोगों का मानना था कि, इस निर्णय के प्रभावी होने पर डीएसपी खुलकर काम नहीं कर पाएंगे।

आधिकारिक रूप से यह प्रस्ताव फिलहाल विचाराधीन बताया जा रहा है लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप की आशंका से सरकार इस निर्णय से हाथ पीछे खींचती नजर आ रही है।

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