आईएएस संतोष वर्मा का एक और कारनामा,आउटसोर्स कर्मचारी को सौंपा अफसरों की विभागीय जांच का जिम्मा

बयानों से इतर इस बार आईएएस संतोष वर्मा का प्रशासनिक कारनामा सामने आया है। इसमें उन्होंने आउटसोर्स कर्मचारी को अफसरों की विभागीय जांच का जिम्मा सौंप दिया है। मध्य प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड में सलाहकार के पद पर नियुक्त चंद्रक्रांत कश्यप को यह अधिकार उपसचिव, किसान कल्याण एवं कृषि विभाग की हैसियत से सौंपा गया है।
बीते माह 21 नवंबर को वर्मा के हस्ताक्षर से जारी आदेश में आउटसोर्स कर्मचारी कश्यप को संचालनालय के साथ कृषि अभियांत्रिकी विभागीय जांच एवं न्यायालयीन प्रकरणों की जिम्मेदारी दे दी गई है। इतना ही नहीं, विभागीय भर्ती नियमों में संशोधन, समयमान वेतनमान, पदोन्नति और वैकलाग भर्ती से जुड़े कार्य भी उन्हें सौंपे गए हैं। बताया जाता है कि इस आदेश से विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों में आक्रोश था। बावजूद इसके, वर्मा के पदीय प्रभाव की वजह से यह मामला अंदर ही दबकर रह गया।
नियुक्ति के दूसरे माह ही बनाया पॉवरफुल
स्वदेश के पास उपलब्ध दस्तावेज बताते हैं कि आउटसोर्स पर नियुक्त सलाहकार चंद्रक्रांत कश्यप को नियुक्ति के दो माह बाद ही आईएएस संतोष वर्मा ने अधिकारों का बेजा इस्तेमाल करते हुए पॉवरफुल बना दिया। कश्यप को 26 सितंबर 2025 को मध्य प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड में उपसंचालक प्रवीण वर्मा द्वारा नियुक्त किया गया था। वहीं, आईएएस संतोष वर्मा ने 21 नवंबर को पृथक आदेश जारी करते हुए उन्हें अधिक अधिकार दे दिए।बदजुबानी के बाद सरकार की कार्रवाई के साथ ही यह मामला सार्वजनिक हुआ।
सोमवार को भेजा जाएगा निलंबन प्रस्ताव
आईएएस संतोष वर्मा के निलंबन का प्रस्ताव सोमवार को भेजा जाएगा। जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को व्यस्तता के कारण मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अनुसंशा नहीं मिल पाई। चूंकि शनिवार और रविवार अवकाश हैं, इसलिए इसे सोमवार को कार्मिक मंत्रालय भेजे जाने की संभावना है।
बता दें कि बेटियों पर की गई बदजुबानी के बाद चर्चा में आए संतोष वर्मा पहले भी हाईकोर्ट के कटघरे में खड़े हो चुके हैं। अजाक्स सहित अन्य संगठन उनके निलंबन की मांग करते हुए आंदोलन चला रहे हैं।
