शराब एक सामाजिक अच्छाई: पन्ना जिले के तहसीलदार साहब बोले - आबकारी कर से ही चलती हैं शासन की योजना

पन्ना जिले के तहसीलदार साहब बोले - आबकारी कर से ही चलती हैं शासन की योजना
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पन्ना जिले के तहसीलदार साहब बोले - आबकारी कर से ही चलती हैं शासन की योजना

मध्यप्रदेश। "शराब एक सामाजिक अच्छाई है।" यह बात हम नहीं बल्कि मध्यप्रदेश शासन के अधिकारी कह रहे हैं। एक तरफ सीएम डॉ. मोहन यादव शराब बंदी की ओर आगे बढ़ रहे हैं वहीं दूसरी ओर अधिकारी कह रहे हैं कि, शराब बंद हो गई तो योजनाएं बंद हो जाएंगी। शासन की तमाम योजनाएं आबकारी कर से ही चलती हैं।

दरअसल रैपुरा तहसील के बघवार कला पंचायत में 1 अप्रैल से जारी नई शराब नीति के तहत शराब की दुकान खोली जानी थी। ग्रामीणों ने दारू के ठेके के लिए दुकान किराए पर नहीं दी। इसके बाद शासकीय जमीन पर दुकान खोले जाने के लिए जगह चिन्हित करने के लिए अधिकारियों की टीम पहुंची।

पन्ना जिले के रैपुरा तहसील के तहसीलदार भी मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि, यहां शासकीय शराब की दुकान खोले जाने का ठेका दिया गया था। 1 अप्रैल से वह सक्रिय हो जाना चाहिए था। क्योंकि ग्रामीणों ने दुकान किराए पर नहीं दी इसलिए सरकार को प्रतदिन एक लाख रुपए का नुकसान हो रहा है।

तहसीलदार साहब यहीं नहीं रुके, उन्होंने बताया कि, आबकारी शुल्क से ही मध्यप्रदेश शासन की योजना चलती है। मध्याहन भोजन और छात्रवत्ति योजना भी इसी से चलती है। इस कारण यह सभी नहीं है। इस खबर के सामने आने के बाद रैपुरा तहसील के बघवार कला के ग्रामीणों की सराहना की जा रही है। रैपुरा तहसील का शराब के फायदे गिनाता हुआ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है।

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