नरसिंहपुर में कृषि उद्योग सम्मेलन: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बोले - खेतों से जाता है विकसित भारत का रास्ता

नरसिंहपुर में कृषि उद्योग सम्मेलन
मध्यप्रदेश। नरसिंहपुर में सोमवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कृषि उद्योग सम्मेलन 2025 का उद्घाटन किया। इस मौके पर सीएम डॉ. मोहन यादव और मंत्री प्रहलाद पटेल भी मौजूद रहे।
सीएम मोहन यादव ने बताया - कृषि समृद्धि व किसान कल्याण के पावन ध्येय के साथ नरसिंहपुर में आयोजित तीन दिवसीय "कृषि उद्योग समागम 2025" का आज उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुभारंभ किया। राज्यपाल मंगुभाई पटेल की उपस्थिति में 116 करोड़ रुपए की लागत के 86 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन हुआ।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, "जब किसान मुस्कुराता है, भारत आगे बढ़ता है। यह समागम एक शुरुआत है। जो कदम मुख्यमंत्री ने उठाए हैं, वो दिन दूर नहीं जब नई तकनीक यहां आएगी। भारत का किसान देशभक्ति में कभी कमी नहीं रखता। किसान व्यापार में आए तो विकसित भारत का लक्ष्य 2047 से पहले पूरा हो जाएगा।"
"विकसित भारत का रास्ता खेत से जाता है, विकसित भारत का रास्ता गांव से निकलता है, विकसित भारत की पूंजी किसान के पास है। उस किसान का सृजन किया जा रहा है। विकसित भारत के लक्ष्य में सबसे महत्वपूर्ण आहूति किसान देंगे। किसान भाई इसके लिए पूरी तरह सजग हैं।"
"सीएम साधुवाद के पात्र हैं। देश का हर प्रांत "कृषि उद्योग समागम 2025" का अनुकरण करेगा। माखनचोर बनने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि डेयरी उद्योग के लिए काम किया जा रहा है। आपने इतना बेहतरीन काम किया है, राष्ट्रीय स्तर पर भी इसे माना जाएगा।"
सीएम मोहन यादव ने कहा - "अत्याधुनिक तकनीक, नवाचार और पानी की पर्याप्त उपलब्धता से हमारे प्रदेश के अन्नदाता खेती में नए प्रतिमान स्थापित कर रहे हैं। हमारी सरकार का संकल्प है कि कृषि उत्पादों को वैश्विक बाजार मिले, किसान की आय बढ़े और कृषि की जरूरत के अनुसार उद्योगों का प्रदेश में विस्तार हो।"
"भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जन्म शताब्दी चल रही है। उन्होंने केन बेतवा नदी का सपना देखा था। मुझे खुशी है कि प्रधानमंत्री के आशीर्वाद से हमें अपने पूरे बुंदेलखंड और केन बेतवा नदी लिंक परियोजना के लिए 1 लाख करोड़ रुपये की राशि मिल रही है। इसी तरह, राजस्थान के साथ एक और नदी जोड़ो मिशन, पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना भी चल रही है। एक तीसरी नदी जोड़ो परियोजना भी है। हमने ताप्ती नदी को जोड़ने के लिए महाराष्ट्र सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इससे हम दुनिया की तीन बड़ी नदियों को जोड़ने वाले मिशन के राज्य के नागरिक बन जाएंगे।"
