ट्रेन टिकट पर ऑपरेशन सिंदूर का विज्ञापन: पीयूष बबेले का आरोप - सरकार ने सेना के काम को प्रोडक्ट की तरह बेच रही

पीयूष बबेले
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पीयूष बबेले 

मध्यप्रदेश। "मोदी सरकार किस क़दर विज्ञापनजीवी है इसका उदाहरण देखिए कि रेलवे टिकट पर ऑपरेशन सिंदूर को मोदी के विज्ञापन के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। ये सेना के पराक्रम को भी प्रोडक्ट की तरह बेच रहे हैं। इनसे देशभक्ति नहीं सौदेबाज़ी ही हो सकती है।" यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के मीडिया एडवाइजर रहे पीयूष बबेले का।

पीयूष बबेले ने रविवार को उनके एक्स अकाउंट पर भारतीय रेलवे के एक टिकट की तस्वीर साझा करते हुए कहा कि, ट्रेन टिकट पर ऑपरेशन सिंदूर का विज्ञापन किया जा रहा है। उन्होंने जिस टिकट की तस्वीर साझा की उसमें ऑपरेशन सिंदूर की फोटो और पीएम मोदी की फोटो है और लिखा है कि, "ऑपरेशन सिन्दूर ने आतंक के खिलाफ लड़ाई में एक नई लकीर खींच दी है। एक नया पैमाना न्यू नार्मल कर तय कर दिया गया है।"

इस मामले में भारतीय रेलवे के PRO वीके भट्‌टी का कहना है कि, यह विज्ञापन नहीं है बस एक संदेश है। इससे अधिक कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है।

भाजपा और कांग्रेस आमने - सामने :

ऑपरेशन सिन्दूर के बाद से मध्यप्रदेश में भाजपा और कांग्रेस आमने सामने हैं। पीयूष बबेले का यह बयान भी ऐसे समय में सामने आया है जब कांग्रेस जगह - जगह भाजपा ने नेता और डिप्टी सीएम के पुतले फूंक रही है।

मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह हाल ही में कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ विवादित टिप्पणी के कारण सुर्खियों में हैं। 12 मई 2025 को इंदौर के मानपुर क्षेत्र में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' का जिक्र करते हुए कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकवादियों की बहन बताने वाली आपत्तिजनक टिप्पणी की। इस बयान को सेना, महिलाओं और देश की गरिमा का अपमान माना गया, जिसके बाद व्यापक विरोध शुरू हो गया। हाई कोर्ट ने इस मामले पर स्व-संज्ञान लिया। इसके बाद मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई। अदालत ने पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में लापरवाही बरतने की बात कही। इस दौरान शाह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। 19 मई को मामले की सुनवाई होगी।

वहीं उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा हाल ही में एक विवादित बयान के कारण चर्चा में हैं। 16 मई 2025 को जबलपुर में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि "पूरा देश, देश की सेना और सैनिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चरणों में नतमस्तक हैं।" इस बयान को विपक्ष, खासकर कांग्रेस, ने सेना और सैनिकों का अपमान बताते हुए तीखी आलोचना की। बाद में डिप्टी सीएम ने कहा कि, उनकी वीडियो के साथ छेड़छाड़ हुई है और उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है।

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