ग्वालियर में गड्ढों से परेशान बालिका ने सचिन तेंदुलकर को लिखा पत्र

आपके नाम की सड़क से निकलना हुआ मुश्किल, पत्र पढ़कर इसका नाम बदलवा दो
ग्वालियर शहर में सचिन तेंदुलकर मार्ग हुआ गड्ढों में गुम
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले भारत रत्न सचिन तेंदुलकर के नाम पर बनी सड़क की हालत अब जनता के धैर्य की परीक्षा ले रही है। जिस सड़क का नाम उस ऐतिहासिक पल की याद में रखा गया था, जब 24 फरवरी 2010 को सचिन ने कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम में वनडे क्रिकेट का पहला दोहरा शतक जमाया था, वही सड़क आज गड्ढों और धूल में समा गई है। 3.55 किलोमीटर लंबी यह सड़क वाहन चालकों के लिए बड़ी परेशानी बन गई है।
सचिन तेंदुलकर सड़क की हालत खराब
सचिन तेंदुलकर रोड आज खुद जख्मों से भरी हुई है। सड़क की डामर पर परत उखड़ चुकी है, जगह-जगह गड्ढे बने हुए हैं और बरसात में यह तालाब बन जाती है। दोपहिया वाहन चालक फिसलकर गिर रहे हैं और चारपहिया वाहन गड्ढों में हिचकोले खा रहे हैं। इलाके के लोगों का कहना है कि यह सड़क अब सचिन तेंदुलकर मार्ग नहीं बल्कि गड्ढों का मार्ग बन चुकी है।
स्थिति को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आर.पी. सिंह ने सचिन तेंदुलकर को एक भावनात्मक पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने लिखा कि ग्वालियर की यह सड़क केवल एक मार्ग नहीं, बल्कि उस ऐतिहासिक उपलब्धि का प्रतीक है, जब आपने इस शहर को क्रिकेट इतिहास में अमर कर दिया था। दुर्भाग्य है कि अब वही सड़क नगर निगम की लापरवाही का प्रतीक बन चुकी है। सिंह ने सचिन से अपील की है कि वे इस मुद्दे पर ध्यान दें और नगर निगम को इसे सुधारने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने अपने पत्र में सीधे अनुरोध किया कि सचिन तेंदुलकर नगर निगम और राज्य प्रशासन को इस मार्ग की मरम्मत के लिए प्रेरित करें, ताकि उनका नाम फिर से सम्मान के साथ जुड़ा रहे, न कि गड्ढों के बीच शर्मिंदगी के प्रतीक के रूप में।
कक्षा तीन की इतिक्षा ने अपने हाथ से लिखा पत्र
इस सड़क की दयनीय हालत ने आम नागरिकों को भी झकझोर दिया है। कृष्ण विहार की कक्षा तीन में पढ़ने वाली बच्ची इतिक्षा ने अपने हाथ से लिखा पत्र में मास्टर ब्लास्टर से मदद की गुहार लगाई। उसने लिखा, "मैं इतिक्षा हूं, सचिन तेंदुलकर मार्ग पर रहती हूं। इस रोड की हालत बहुत खराब है। अगर इसे सचिन तेंदुलकर जी देख लें, तो वे कहेंगे कि इसका नाम बदलवा दो। हमें स्कूल आने-जाने में बहुत दिक्कत होती है। सब परेशान हैं। मेरी रिक्वेस्ट है कि सरकार और नगर निगम इसे ठीक करें। अगर सचिन तेंदुलकर जी यह पढ़ लेंगे, तो हमारी सड़क जरूर बन जाएगी।"इतिक्षा का यह मासूम पत्र अब पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है। लोग कहते हैं कि जब बच्चे भी इस हालात से त्रस्त होकर मदद मांग रहे हैं, तो यह प्रशासन की संवेदनहीनता का चरम है।
इनका कहना है
नगर निगम और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद सचिन तेंदुलकर रोड जैसी महत्वपूर्ण सड़क की सुध नहीं ली गई। सुबह-सुबह बच्चों को स्कूल छोड़ने के समय धूल ही धूल उड़ती है।
— अर्पिता गौतम, क्षेत्रीय निवासी
