पर्यटन विभाग में 81 लाख का गबन! निगम से प्रतिनियुक्ति पर आए दो कर्मचारियों ने किया फर्जीवाड़ा

नगर निगम से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम के विंड एंड वेव्स होटल के दो अफसरों ने 11 लाख रुपए का गबन कर लिया। यह फर्जीवाड़ा डेढ़ महीने के दौरान 33 मांगपत्रों की नोटशीट के माध्यम से किया गया। इस गड़बड़ी को पर्यटन विभाग के वित्त मुख्य महाप्रबंधक ने पकड़ने के बाद एक समिति गठित की थी। समिति की जांच रिपोर्ट के आधार पर क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई गई। पुलिस ने इस मामले में फिलहाल पाँच लोगों को आरोपी बनाया है।
पुलिस के अनुसार, 3 सितंबर को मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग के वित्त मुख्य महाप्रबंधक राजेश गुप्ता ने 15 जुलाई से 31 अगस्त के बीच हुई खरीदी संबंधी नस्तियों का औचक परीक्षण किया। इसमें पता चला कि 48 लाख रुपए की सप्लाई बाधित हुई है। इन नस्तियों में कुल 80 लाख 81 हजार रुपए की खरीददारी दिखाई गई थी। इसकी पुष्टि के लिए बोट क्लब के पास स्थित विंड एंड वेव्स रेस्टोरेंट में जाकर भौतिक परीक्षण किया गया, जहाँ भंडारण सामग्री कम और गुणवत्ताविहीन पाई गई। शक होने पर जांच समिति बैठाई गई और रिपोर्ट तैयार कर नवंबर के अंतिम सप्ताह में भोपाल क्राइम ब्रांच को भेजी गई।
इस तरह किया गया फर्जीवाड़ा
पर्यटन निगम की ओर से बड़े तालाब में क्रूज बोट चलाई जाती है। इसमें कोल्ड कॉफी मशीन, डेकोरेटिव सामान, डस्टबिन सहित अन्य सामग्री की सप्लाई का काम मैसर्स श्री गणेश ट्रेडर्स, आदित्य इंटरप्राइजेस और मैसर्स सिद्धि विनायक ट्रेडर्स को दिया गया था। निगम ने एक बिल की जांच कराई तो उसमें 22 लाख 37 हजार रुपए की सप्लाई दिखाई गई थी, लेकिन भौतिक परीक्षण में मात्र 11 लाख रुपए का माल मिला। ऐसे 32 बिलों की जांच अब क्राइम ब्रांच करेगी।
ये सभी फर्में कोलार रोड स्थित सागर प्रीमियम फेज-2 में रहने वाले संजय मुखर्जी, उनकी पत्नी देबजानी मुखर्जी और बेटे आदित्य मुखर्जी द्वारा संचालित की जाती हैं।
यह रिपोर्ट थाने में हरनाथ सिंह दंडोतिया (पिता डी.एस. दंडोतिया, उम्र 58 वर्ष) द्वारा प्रस्तुत की गई थी। वे शाहपुरा थाना क्षेत्र के बी-सेक्टर में रहते हैं और मध्यप्रदेश पर्यटन निगम में क्षेत्रीय प्रबंधक हैं। उन्होंने विंड एंड वेव्स के इकाई प्रबंधक अरविंद शर्मा, क्षेत्रीय प्रबंधक अनिल कुरुप तथा माल सप्लाई करने वाली फर्म के संचालक संजय मुखर्जी, उनकी पत्नी देबजानी मुखर्जी और बेटे आदित्य मुखर्जी के खिलाफ जालसाजी, दस्तावेजों की कूटरचना और गबन का प्रकरण दर्ज कराया। इस प्रकरण के साथ ही पर्यटन निगम की शुरुआती जांच रिपोर्ट भी क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है। क्राइम ब्रांच को अभी 32 बिलों की जांच करना बाकी है।
निगम कर्मचारियों की पूरी सेवाकाल जांच के दायरे में
पुलिस के अनुसार अरविंद शर्मा और अनिल कुरुप मूल रूप से भोपाल नगर निगम में तैनात हैं और उन्हें मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था। अरविंद शर्मा अक्टूबर 2024 से यहाँ पदस्थ हैं।
