Lord's Test Century: लॉर्ड्स पर टेस्ट शतक क्यों होता है खास? जानिए पहले शतकवीर बल्लेबाज का नाम

Lord's Test Century
Why Lord's Century Is Special: भारत और इंग्लैंड के बीच जारी पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का तीसरा मुकाबला ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान पर खेला जा रहा है, जहां तीसरे दिन भारतीय बल्लेबाज केएल राहुल ने शानदार शतक लगाकर एक खास उपलब्धि हासिल की। लॉर्ड्स में शतक लगाना हर बल्लेबाज के लिए सपना होता है, क्योंकि इस मैदान पर सेंचुरी जड़ने वाले खिलाड़ियों का नाम ‘ऑनर्स बोर्ड’ पर दर्ज किया जाता है। यही वजह है कि यहां बना हर शतक क्रिकेट इतिहास में हमेशा के लिए अमर हो जाता है।
लॉर्ड्स ऑनर्स बोर्ड पर नाम दर्ज कराना हर बल्लेबाज का सपना
लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड को यूं ही ‘क्रिकेट का मक्का’ नहीं कहा जाता। इस ऐतिहासिक मैदान पर खेलने का सपना हर क्रिकेटर देखता है, लेकिन इससे भी बड़ी बात होती है यहां के 'ऑनर्स बोर्ड' पर अपना नाम दर्ज कराना। इस बोर्ड पर केवल उन्हीं बल्लेबाजों का नाम दर्ज किया जाता है, जिन्होंने लॉर्ड्स में शतक जड़ा हो। यह किसी भी बल्लेबाज के लिए गर्व और उपलब्धि की सबसे ऊंची पहचान मानी जाती है। इस गौरव को हासिल करना आसान नहीं होता, क्योंकि लॉर्ड्स की पिच और परिस्थितियां बल्लेबाजों की असली परीक्षा लेती हैं।
लॉर्ड्स पर बल्लेबाजी करना किसी भी क्रिकेटर के लिए बड़ी चुनौती होती है। इस मैदान की सबसे खास और मुश्किल विशेषता है यहां की पिच की हल्की ढलान, जिसे ‘लॉर्ड्स स्लोप’ कहा जाता है। इस स्लोप की वजह से गेंदबाजों को अतिरिक्त स्विंग और मूवमेंट मिलती है, जिससे बल्लेबाजों को लाइन और लेंथ समझने में दिक्कत होती है।
इसके अलावा इंग्लैंड का बादली मौसम और पिच पर मौजूद नमी बल्लेबाजी को और मुश्किल बना देते हैं। यही वजह है कि लॉर्ड्स में शतक लगाना सिर्फ एक स्कोर नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जाती है।
लॉर्ड्स पर शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज
लॉर्ड्स के ऐतिहासिक ऑनर्स बोर्ड पर दर्ज होने का गौरव सबसे पहले इंग्लैंड के बल्लेबाज एलन स्टील को मिला था। उन्होंने यह उपलब्धि साल 1884 में हासिल की, जब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार शतक जड़ा। यह उपलब्धि आज से 141 साल पहले दर्ज की गई थी।
लॉर्ड्स में टेस्ट शतक जड़ने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज
भारत के लिए लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर पहला टेस्ट शतक लगाने का गौरव महान ऑलराउंडर वीनू मांकड़ को हासिल है। उन्होंने यह उपलब्धि साल 1952 में इंग्लैंड के खिलाफ हासिल की थी। मांकड़ ने उस मुकाबले में शानदार 184 रनों की पारी खेलकर न केवल टीम इंडिया के लिए इतिहास रचा बल्कि लॉर्ड्स के ऑनर्स बोर्ड पर अपना नाम दर्ज कराने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज भी बने। उनकी यह पारी आज भी भारतीय क्रिकेट इतिहास की सबसे यादगार पारियों में गिनी जाती है।
