India vs England Test: जसप्रीत बुमराह ने क्यों ठुकराया कप्तानी का प्रस्ताव? खुद बताई इसके पीछे की असली वजह

जसप्रीत बुमराह ने क्यों ठुकराया कप्तानी का प्रस्ताव? खुद बताई इसके पीछे की असली वजह
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Bumrah on captaincy: भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह इंग्लैंड दौरे के लिए पूरी तरह तैयार हैं। वह इस सीरीज में तेज गेंदबाजी आक्रमण की अगुआई करेंगे। वह पहली बार टेस्ट टीम की कप्तानी कर रहे शुभमन गिल की भी मदद करेंगे। रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट से संन्यास लेने के बाद बुमराह को कप्तानी का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन अब बुमराह ने खुद इस पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने बताया है कि उन्हें कप्तान क्यों नहीं बनाया गया।

कप्तानी से पीछे हटे बुमराह

जसप्रीत बुमराह ने खुलासा किया है कि उन्होंने खुद टेस्ट टीम की कप्तानी संभालने से इनकार कर दिया था। रोहित शर्मा और विराट कोहली के रिटायरमेंट से पहले बीसीसीआई उन्हें कप्तानी की जिम्मेदारी सौंपना चाहता था, लेकिन बुमराह ने टीम के हित और अपनी फिटनेस को प्राथमिकता देते हुए इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। उन्होंने माना कि एक तेज गेंदबाज के तौर पर उनके लिए लगातार फिट रहना और गेंदबाजी में अपना शत-प्रतिशत देना ज्यादा जरूरी है।

टीम को प्राथमिकता देने का फैसला

जसप्रीत बुमराह ने मीडिया से बातचीत में टेस्ट कप्तानी न लेने की वजह स्पष्ट की। उन्होंने कहा, “रोहित और विराट के टेस्ट संन्यास से पहले आईपीएल के दौरान मेरी बीसीसीआई से बात हुई थी। मैंने टेस्ट सीरीज में अपने वर्कलोड मैनेजमेंट को लेकर बात की और अपनी सीमाओं को समझते हुए फैसला किया कि मैं सभी टेस्ट मैच नहीं खेल पाऊंगा। इसलिए मैंने खुद बीसीसीआई को फोन कर कहा कि मैं कप्तानी नहीं लेना चाहता। बोर्ड मुझे इस भूमिका में देख रहा था, लेकिन मैंने टीम को प्राथमिकता दी। मेरे हिसाब से यह आदर्श नहीं होता कि मैं 3 टेस्ट खेलूं और बाकी के लिए कोई और कप्तान आए। यह टीम की स्थिरता के लिए सही नहीं होता।”

चोट से जूझते रहे बुमराह

पिछले कुछ सालों में जसप्रीत बुमराह को पीठ की गंभीर चोट के कारण कई बार मैदान से दूर रखा गया है। ऑस्ट्रेलिया में खेली गई पिछली टेस्ट सीरीज के दौरान आखिरी मैच में चोट के कारण उन्हें बीच में ही लौटना पड़ा था। इसके बाद वे चैंपियंस ट्रॉफी जैसे अहम टूर्नामेंट से भी बाहर हो गए थे। इसी वजह से बुमराह अब अपने करियर को लंबा करने और टीम की जीत में लगातार योगदान देने के लिए किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं।

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