BazBall: क्या है बैजबॉल? जानिए इंग्लैंड की टेस्ट क्रांति के पीछे की पूरी कहानी...

BazBall
England Cricket Team: साल 2022 इंग्लैंड टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में बदलाव की शुरुआत का साल बना। उस समय जो रूट की कप्तानी में टीम इंग्लैंड पिछले 17 टेस्ट में से सिर्फ़ एक ही जीत सकी थी। लगातार हार और बल्ले से गिरते प्रदर्शन के चलते रूट ने कप्तानी छोड़ दी। इसके बाद टीम की कमान ऑलराउंडर बेन स्टोक्स को सौंपी गई। असली क्रांति तब आई जब न्यूज़ीलैंड के पूर्व कप्तान ब्रेंडन मैकुलम टीम में शामिल हुए। स्टोक्स की आक्रामकता और मैकुलम की तेज़ सोच ने मिलकर टेस्ट क्रिकेट में 'बैजबॉल' युग की शुरुआत की।
ब्रेंडन मैकुलम की आक्रामक सोच
कभी न्यूज़ीलैंड क्रिकेट टीम के आक्रामक कप्तान रहे ब्रेंडन मैकुलम ने कोच बनने के बाद इंग्लैंड टेस्ट टीम के खेल की दिशा ही बदल दी। न्यूज़ीलैंड को 2015 विश्व कप के फ़ाइनल तक पहुँचाने वाले मैकुलम मैदान पर हमेशा अपनी निडर और विस्फोटक बल्लेबाज़ी के लिए मशहूर रहे हैं। उन्होंने इंग्लैंड टीम को भी यही आक्रामक, निडर और समर्पित खेल सिखाया। उनके नेतृत्व में इंग्लैंड टीम ने पारंपरिक टेस्ट क्रिकेट शैली को तोड़कर एक नया और विस्फोटक ब्रांड पेश किया, जिसे दुनिया ने "बैजबॉल" नाम दिया।
तेज़ स्कोरिंग ने बदली टेस्ट क्रिकेट की परिभाषा
बैजबॉल की सबसे खास बात है तेज़ी से रन बनाने की इसकी रणनीति, चाहे पिच कैसी भी हो। इंग्लैंड की टीम ज़्यादा से ज़्यादा रन बनाने और विपक्षी टीम पर दबाव बनाने की सोच के साथ मैदान में उतरती है। इसी सोच का नतीजा रावलपिंडी टेस्ट रहा, जहाँ इंग्लैंड ने पाकिस्तान के खिलाफ पहले दिन सिर्फ़ चार विकेट पर 506 रन बनाए। यह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में किसी भी टीम द्वारा एक दिन में बनाए गए सबसे ज़्यादा रनों का रिकॉर्ड बन गया।
इंग्लैंड ने बदला टेस्ट क्रिकेट का मिजाज
बैजबॉल की सोच ने कप्तानी और फील्डिंग में भी बड़ा बदलाव लाया है। जो रूट जैसे तकनीकी बल्लेबाज अब रिवर्स रैंप जैसे जोखिम भरे लेकिन असरदार शॉट्स खेलने लगे हैं, जिससे तेज़ी से रन बन रहे हैं। वहीं कप्तान बेन स्टोक्स ने पारंपरिक सोच से हटकर आक्रामक फील्ड प्लेसमेंट और परिस्थितियों के अनुसार गेंदबाजों का इस्तेमाल कर विरोधी टीमों को चौंका दिया है। अब इंग्लैंड टेस्ट मैच को ड्रॉ कराने के बजाय जीतने की मानसिकता के साथ खेलता है। बता दें लचीलापन और हालात के अनुसार खिलाड़ियों का इस्तेमाल ही बैजबॉल की असली पहचान है, जिसने इंग्लैंड को एक साहसी टेस्ट टीम बना दिया है।
इंग्लैंड ने रचा जीत का नया इतिहास
बेन स्टोक्स की कप्तानी और ब्रेंडन मैकुलम की कोचिंग के तालमेल ने इंग्लैंड टेस्ट टीम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। इस नए युग में इंग्लैंड ने अब तक कुल 20 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें से टीम ने 13 मुकाबलों में जीत दर्ज की, जबकि सिर्फ 5 मैचों में हार का सामना करना पड़ा। इन सभी मैचों में केवल एक टेस्ट ड्रॉ रहा। स्टोक्स की कप्तानी में इंग्लैंड का जीत प्रतिशत 65% रहा है।
बैजबॉल नाम कैसे पड़ा?
ब्रेंडन मैकुलम के आक्रामक और निडर क्रिकेटिंग दृष्टिकोण से प्रेरित होकर टेस्ट क्रिकेट की एक नई शैली सामने आई, जिसे "बैजबॉल" नाम दिया गया। मैकुलम को उनके खेल के दिनों में 'Baz' के नाम से जाना जाता था और जब उन्होंने इंग्लैंड टेस्ट टीम के कोच के रूप में एक तेज़, जोखिम भरे और जीत के लिए समर्पित खेल की सोच अपनाई, तो मीडिया और क्रिकेट पंडितों ने इसे मज़ाकिया अंदाज़ में "Bazball" कहना शुरू कर दिया।
हालांकि यह शब्द शुरुआत में ह्यूमर और प्रशंसा के लिए इस्तेमाल हुआ, लेकिन समय के साथ यह इंग्लिश टीम की पहचान बन गया और एक क्रिकेटिंग फिलॉसफी में तब्दील हो गया, जिसने टेस्ट क्रिकेट को देखने और खेलने का नजरिया ही बदल दिया।
