Olympics 2028: खेलों के सबसे बड़े मंच से वंचित वेस्टइंडीज, क्यों नहीं खेल पाएगी ओलंपिक ? जानिए वजह

Olympics 2028
West Indies may miss Olympics 2028 cricket event: कभी क्रिकेट जगत पर राज करने वाली वेस्टइंडीज टीम अब अपने बुरे दौर से गुजर रही है। बीते कई वर्षों से यह टीम ICC के बड़े टूर्नामेंट्स में जगह बनाने में नाकाम रही है। अब ऐसी खबरें हैं कि 2028 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक में भी वेस्टइंडीज की टीम हिस्सा नहीं ले पाएगी। 128 साल बाद क्रिकेट की ओलंपिक में वापसी हो रही है, लेकिन वेस्टइंडीज जैसे ऐतिहासिक क्रिकेट ब्रांड का इसमें न होना फैंस के लिए बड़ा झटका हो सकता है।
वेस्टइंडीज टीम ओलंपिक में हिस्सा क्यों नहीं ले पाएगी?
वेस्टइंडीज के ओलंपिक में भाग न लेने का कारण एक बड़ी तकनीकी बाधा है।दरअसल, वेस्टइंडीज कोई एक स्वतंत्र देश नहीं है बल्कि यह 12 अलग-अलग देशों और कुछ विदेशी क्षेत्रों ( जमैका, बारबाडोस, त्रिनिदाद एंड टोबैगो और गुयाना) का एक संयुक्त क्रिकेट प्रतिनिधित्व है। वहीं ओलंपिक खेलों में केवल वही टीमें हिस्सा ले सकती हैं जो किसी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (NOC) से जुड़ी हों। ऐसे में वेस्टइंडीज टीम को तकनीकी रूप से ओलंपिक में खेलने की अनुमति नहीं मिल सकती।
ओलंपिक में खेलने की चुनौती
वेस्टइंडीज टीम के ओलंपिक में खेलने को लेकर जितनी जटिलता है। उतनी ही उलझन इंग्लैंड के सामने भी है। वेस्टइंडीज के लिए एक संभावित समाधान यह हो सकता है कि इसमें शामिल देश (जैसे जमैका, बारबाडोस, त्रिनिदाद एंड टोबैगो) आपस में क्वालीफायर टूर्नामेंट खेलें और जो टीम विजेता बने। वही ओलंपिक में हिस्सा ले। फिलहाल ICC ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि ओलंपिक के लिए योग्यता प्रक्रिया कैसी होगी।
वहीं इंग्लैंड की बात करें तो ओलंपिक में उसके एथलीट ग्रेट ब्रिटेन के बैनर तले हिस्सा लेते हैं, जिसमें स्कॉटलैंड, वेल्स और नॉर्दर्न आयरलैंड भी शामिल होते हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या इंग्लैंड की क्रिकेट टीम ग्रेट ब्रिटेन के नाम से खेलेगी या स्कॉटलैंड अलग से क्वालीफाई करने की कोशिश करेगा? इस पर भी फिलहाल स्थिति स्पष्ट नहीं है।
वेस्टइंडीज का ओलंपिक से बाहर होना क्रिकेट की बड़ी विडंबना
यह किसी विडंबना से कम नहीं कि दो वनडे वर्ल्ड कप, दो टी20 खिताब और एक चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली वेस्टइंडीज जैसी महान टीम उस आयोजन से बाहर हो सकती है, जिसका उद्देश्य क्रिकेट को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाना है। यह वही टीम है जो अपनी 100वीं वर्षगांठ की ओर बढ़ रही है, जिसने एक दौर में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर दबदबा बनाया था।
