Bengaluru Stampede: बेंगलुरु भगदड़ पर सरकार की रिपोर्ट में विराट कोहली का जिक्र, किस वीडियो को ठहराया जिम्मेदार?

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RCB Blamed in Karnataka Report on Bengaluru Stampede: बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई भगदड़ की घटना पर कर्नाटक सरकार ने अपनी रिपोर्ट में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) को जिम्मेदार ठहराया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विजय परेड का आयोजन बिना पुलिस की अनुमति के किया गया, जिससे हालात बेकाबू हो गए। इस हादसे में 11 लोगों की जान गई और 50 से ज्यादा लोग घायल हुए। सरकार ने यह भी दावा किया है कि विराट कोहली का एक वीडियो, जिसमें उन्होंने प्रशंसकों से परेड में शामिल होने की अपील की थी। यह भीड़ बढ़ने का एक प्रमुख कारण था।

सोशल मीडिया पोस्ट को भी ठहराया गया दोषी

इस रिपोर्ट को कर्नाटक सरकार शुरू में गोपनीय रखना चाहती थी, लेकिन उच्च न्यायालय के इस निर्णय के बाद इसे सार्वजनिक किया गया कि रिपोर्ट को गोपनीय रखने का कोई वैध आधार नहीं है। रिपोर्ट में RCB और आयोजकों की कई लापरवाहियों को उजागर किया गया है। इसमें खास तौर पर उन सोशल मीडिया पोस्ट का जिक्र है, जिन्होंने फैंस को एंट्री प्रोटोकॉल को लेकर भ्रमित किया। इसी कारण भारी संख्या में भीड़ जमा हो गई ।

पुलिस की चेतावनी को किया नजरअंदाज

सरकार की रिपोर्ट में कहा गया है कि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने 3 जून को केवल पुलिस को संभावित विजय परेड की सूचना दी थी, लेकिन निर्धारित प्रारूप में कोई औपचारिक अनुमति नहीं मांगी गई। यह वही दिन था जब टीम ने 18 साल बाद आईपीएल खिताब जीता था। रिपोर्ट में साफ तौर पर लिखा है कि पुलिस को भीड़ की संख्या या सुरक्षा इंतजामों की कोई जानकारी नहीं दी गई। इसलिए कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन ने अनुमति देने से इनकार कर दिया था। इसके बावजूद RCB ने कार्यक्रम जारी रखा, जिससे हालात बेकाबू हो गए।

सोशल मीडिया से भीड़ को दिया खुला न्योता

आरसीबी ने 4 जून को सुबह 7:01 बजे सोशल मीडिया पर विजय परेड के लिए प्रशंसकों को खुला निमंत्रण पोस्ट किया और जनता के लिए मुफ़्त प्रवेश की घोषणा की। इसके बाद सुबह 8 बजे एक और पोस्ट किया गया। सबसे प्रभावशाली विराट कोहली का सुबह 8:55 बजे जारी किया गया वीडियो था, जिसमें उन्होंने बैंगलोर के प्रशंसकों से टीम की जीत का जश्न मनाने की अपील की थी। रिपोर्ट में इस वीडियो को भीड़ जुटने का एक बड़ा कारण बताया गया।

कार्यक्रम शुरू होने से ठीक 90 मिनट पहले, दोपहर 3:14 बजे पहली बार स्पष्ट किया गया कि सीमित पास की आवश्यकता होगी, जबकि पहले खुला निमंत्रण था। रिपोर्ट में कहा गया है कि आखिरी समय में किए गए इस बदलाव से भीड़ में भ्रम फैल गया, जो भगदड़ का एक प्रमुख कारण बना।



4 जून को विराट कोहली का वीडियो RCB ने पोस्ट किया

स्टेडियम के बाहर फैली अराजकता

सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया पोस्ट्स को 44 लाख से अधिक बार देखा गया, जिसके बाद अनुमानित 3 लाख फैंस चिन्नास्वामी स्टेडियम और परेड मार्ग पर जमा हो गए। बेंगलुरु मेट्रो में उस दिन 9.66 लाख यात्रियों की रिकॉर्ड संख्या दर्ज की गई, जो सामान्य औसत से काफी अधिक थी। टीम के होटल से लेकर स्टेडियम तक 14 किलोमीटर के पूरे रास्ते में भी प्रशंसकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे पुलिस पर भारी दबाव पड़ा। चूंकि स्टेडियम की क्षमता मात्र 35,000 थी।

कंट्रोल से बाहर हुई भीड़

जैसे ही प्रशंसकों की संख्या बढ़ी और प्रवेश द्वार बंद रहे, गेट नंबर 1, 2 और 21 समेत 10 अलग-अलग प्रवेश द्वारों पर भगदड़ मच गई। प्रशंसकों ने कई गेट तोड़ दिए। हालात बिगड़ते देख पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की, लेकिन खबरों में इस अफरा-तफरी के लिए सीधे तौर पर आरसीबी और अन्य आयोजकों को ज़िम्मेदार ठहराया गया है।

हिंसा की आशंका के चलते आयोजन को जारी रखा

हालात बेकाबू होने के बावजूद, अधिकारियों ने परेड रद्द नहीं की। रिपोर्ट के अनुसार, यह फैसला किसी बड़े दंगे या हिंसा से बचने के लिए एक रणनीतिक कदम था। कार्यक्रम सीमित समय और कड़ी निगरानी में आयोजित किया गया ताकि जनता के उत्साह को नियंत्रित किया जा सके।

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