Territorial Army: भारत-पाक टेंशन के बीच टेरिटोरियल आर्मी की तैयारी, जानें कौन-कौन सी प्रमुख हस्तियां हैं इसमें शामिल

Territorial Army
Territorial Army: देश की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ को यह अधिकार मिल गया है कि वे ज़रूरत पड़ने पर टेरिटोरियल आर्मी के अधिकारियों और जवानों को सक्रिय ड्यूटी पर तैनात कर सकें। यह कदम ऐसे वक्त में उठाया गया है जब देश की सीमाओं पर हालात तनावपूर्ण हैं । वहीं आतंरिक सुरक्षा को लेकर भी अलर्ट जारी है।
राज्यों को मिली इमरजेंसी पावर की छूट
देशभर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इमरजेंसी पावर के इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। इस फैसले का उद्देश्य यह है कि अगर किसी भी राज्य में अचानक कोई आपात स्थिति उत्पन्न होती है, तो सरकारें तुरंत एक्शन ले सकें और कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में सक्षम रहें। इसके तहत राज्यों को जरूरत के अनुसार सुरक्षाबलों की तैनाती करने की पूरी आज़ादी दी गई है।
टेरिटोरियल आर्मी से जुड़ी ये मशहूर हस्तियां
आम नागरिक ही नहीं, बल्कि कई मशहूर हस्तियां, खिलाड़ी और नेता भी टेरिटोरियल आर्मी (TA) का हिस्सा रहे हैं। इन लोगों ने न केवल अपने-अपने क्षेत्र में नाम कमाया, बल्कि सेना में शामिल होकर देश सेवा की एक बेहतरीन मिसाल भी कायम की। आइए जानते हैं कुछ प्रमुख नाम:
महेंद्र सिंह धोनी: 2011 में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान को पैराशूट रेजिमेंट में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की उपाधि दी गई।
कपिल देव: 1983 वर्ल्ड कप जीताने वाले कप्तान को 2008 में पंजाब रेजिमेंट में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल नियुक्त किया गया।
अभिनव बिंद्रा: ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट शूटर को 2011 में सिख रेजिमेंट में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक मिली।
मोहनलाल: मलयालम सुपरस्टार को 2009 में मद्रास रेजिमेंट में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल बनाया गया।
दीपक राव: क्लोज-क्वार्टर बैटल एक्सपर्ट को 2011 में पैराशूट रेजिमेंट में मानद मेजर की रैंक दी गई।
नाना पाटेकर: उन्होंने न सिर्फ फिल्म ‘प्रहार’ के लिए सेना प्रशिक्षण लिया, बल्कि कारगिल युद्ध के दौरान मराठा लाइट इन्फैंट्री के मेजर के रूप में सेवा दी।
अनुराग ठाकुर: बीजेपी सांसद को 2016 में नियमित कमीशन के तहत लेफ्टिनेंट, और बाद में कैप्टन बनाया गया।
सचिन पायलट: कांग्रेस नेता को 2012 में सिख रेजिमेंट की 124 TA बटालियन में लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन मिला।
राज्यवर्धन सिंह राठौर: ओलंपिक सिल्वर मेडलिस्ट और पूर्व केंद्रीय मंत्री, जिन्होंने सेना में सेवा दी और कारगिल युद्ध में भी हिस्सा लिया।
इन सभी नामों ने यह साबित किया है कि देशसेवा का जज़्बा किसी एक प्रोफेशन तक सीमित नहीं होता।
क्या है टेरिटोरियल आर्मी?
टेरिटोरियल आर्मी (Territorial Army – TA) भारत की सेना का एक स्वैच्छिक और अंशकालिक बल है, जिसे देश के नागरिकों को सैन्य सेवा का मौका देने के उद्देश्य से बनाया गया है। इसकी स्थापना 1949 में टेरिटोरियल आर्मी एक्ट के तहत की गई थी।
यह बल युद्ध, आपदा या किसी भी आपातकालीन स्थिति में नियमित सेना की सहायता करता है। इसके सदस्य आमतौर पर सिविल जॉब करने वाले नागरिक होते हैं, जो समय-समय पर ट्रेनिंग और सेना की ड्यूटी में हिस्सा लेते हैं, जब देश को उनकी ज़रूरत होती है।
सरकार की तैयारियों का संकेत है टेरिटोरियल आर्मी की सक्रियता
देश में जब हालात असामान्य हो जाएं, तो टेरिटोरियल आर्मी (TA) का एक्टिव होना एक साफ संकेत है कि सरकार हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार मोड में है।
TA की खासियत यही है कि इसमें आम नागरिक, खिलाड़ी, अभिनेता और अन्य पेशों से जुड़े लोग भी हिस्सा ले सकते हैं। संकट के समय यही लोग वर्दी पहनकर देश के लिए मोर्चा संभालते हैं, जिससे यह बल एक सामूहिक राष्ट्रीय भावना का उदाहरण बन जाता है।