इतिहास रचने से चूके लक्ष्य सेन, रजत से करना पड़ा संतोष

इतिहास रचने से चूके लक्ष्य सेन, रजत से करना पड़ा संतोष

ब्यूनस आयर्स/स्वदेश वेब डेस्क। भारतीय युवा बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन इतिहास रचने से चूक गए। लैटिन अमेरिकी देश अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में चल रहे यूथ ओलंपिक -2018 में बैडमिंटन के पुरुष एकल मुकाबले में लक्ष्य सेन स्वर्ण पदक से चूक गए और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा। इसी के साथ वह इस प्रतियोगिता में रजत पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। सेन से पहले एच एस प्रणय ने 2010 में सिंगापुर में पहले युवा ओलंपिक खेलों में रजत पदक जीता था।

शुक्रवार देर रात हुए खिताबी मुकाबले में सेन को चीन के ली शिफेंग ने शिकस्त देकर स्वर्ण पदक हासिल किया। शिफेंग ने 42 मिनट तक चले मुकाबले में सेन को सीधे गेमों में 21-15, 21-19 से मात दी। इससे पहले एशियाई जूनियर चैंपियन सेन ने जापान के कोडाई नाराओका को 14-21, 21-15, 24-22 से हराकर खिताबी मुकाबले में प्रवेश किया था। उत्तराखंड के अल्मोड़ा निवासी लक्ष्य ने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में इंडोनेशिया के रुमबे को 21-17 और 21-19 से शिकस्त देकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी।

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