National Sports Governance Bill: नेशनल स्पोर्ट गवर्नेंस बिल लोकसभा से पास,1975 में पहली बार पेश हुआ था प्रपोजल

नेशनल स्पोर्ट गवर्नेंस बिल लोकसभा से पास,1975 में पहली बार पेश हुआ था प्रपोजल
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National Sports Governance Bill Passed By Lok Sabha : सोमवार को लोकसभा में नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल और नेशनल एंटी-डोपिंग संशोधन बिल 2025 को मंजूरी मिल गई। केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने इसे आजादी के बाद भारतीय खेलों में सबसे बड़ा सुधार करार दिया। वहीं विपक्ष ने बिहार में मतदाता सूची संशोधन (SIR प्रक्रिया) और कथित वोट धोखाधड़ी को लेकर जोरदार विरोध जारी रखा।

नेशनल स्पोर्ट्स बिल को पहली बार 1975 में लाने की कोशिश की गई थी, लेकिन राजनीतिक कारणों के चलते यह बिल बार-बार संसद तक पहुंच नहीं पाया। वर्षों तक लंबित रहने के बाद अब यह बिल आखिरकार संसद में पास होकर भारतीय खेलों के लिए एक नए युग की शुरुआत कर रहा है।

संसद में हंगामे के बीच दोनों बिल पास

संसद में सुबह हंगामे के कारण सत्र स्थगित हो गया था, लेकिन दोपहर 2 बजे पुनः शुरू होने पर नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल और नेशनल एंटी-डोपिंग संशोधन बिल दोनों पास कर दिए गए। विपक्ष के अधिकांश नेता उस समय चुनाव आयोग के कार्यालय की ओर मार्च करते हुए हिरासत में थे, जिससे वे सदन में मौजूद नहीं थे। बहस के दौरान कुछ विपक्षी सांसदों ने बिल का समर्थन भी किया, लेकिन बाद में वापस आकर नारेबाजी शुरू कर दी। अंततः हंगामे के बीच दोनों बिल वॉयस वोट से पारित किए गए।

मनसुख मांडविया ने बिल पास होने पर क्या कहा?

बिल पास होने के बाद केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने इसे आजादी के बाद खेलों में सबसे बड़ा सुधार बताया। उन्होंने कहा कि यह बिल खेल संघों में जवाबदेही, न्याय और बेहतर गवर्नेंस को सुनिश्चित करेगा। मांडविया ने यह भी कहा कि बिल भारत के खेल तंत्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन उन्हें अफसोस है कि विपक्ष इस प्रक्रिया में शामिल नहीं हुआ।

BCCI पर RTI लागू नहीं होगा

नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल, 2025 में संशोधन करते हुए खेल मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि BCCI अब भी सूचना का अधिकार (RTI) के दायरे में नहीं आएगा। यह बिल केवल उन खेल संगठनों पर लागू होगा जो सरकारी अनुदान और सहायता प्राप्त करते हैं, जबकि BCCI को सरकार से कोई अनुदान नहीं मिलता। पिछले वर्षों में कई संगठन BCCI को RTI के दायरे में लाने की मांग करते रहे हैं, लेकिन फिलहाल यह संभव नहीं हुआ है।

खेल मंत्री ने 23 जुलाई को लोकसभा में पेश किया नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल

23 जुलाई को केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने लोकसभा में यह बिल पेश किया था, जिसमें खेलों के बेहतर विकास के लिए नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बॉडी, नेशनल स्पोर्ट्स बोर्ड, नेशनल खेल इलेक्शन पैनल और नेशनल स्पोर्ट्स ट्रिब्यूनल बनाने का प्रावधान शामिल है। हालांकि, संसद में इस बिल को पारित करने से पहले इसे संसदीय स्थायी समिति (GPC) में भेजने की मांग भी उठी।

नेशनल स्पोर्ट्स बिल की लंबी यात्रा

नेशनल स्पोर्ट्स बिल को पहली बार 1975 में लाने का प्रयास किया गया था, लेकिन राजनीतिक कारणों से यह संसद तक नहीं पहुंच पाया। 2011 में नेशनल स्पोर्ट्स कोड बनाया गया, जिसे बाद में बिल में बदलने की कोशिश की गई, लेकिन वह भी अटक गया। अब 2036 ओलंपिक की मेजबानी की तैयारी के तहत खेल प्रबंधन में पारदर्शिता और विश्वसनीयता लाने के उद्देश्य से यह बिल पेश किया गया है।

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