Womens World Cup: FIDE महिला वर्ल्ड कप में भारत की जीत तय, देश को मिलेगा पहली बार चैंपियन

FIDE महिला वर्ल्ड कप
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Koneru Humpy and Divya Deshmukh set to fight: फिडे महिला विश्व कप के फाइनल में भारत की दो शीर्ष शतरंज खिलाड़ी कोनेरू हम्पी और दिव्या देशमुख आमने-सामने होंगी, जिससे टूर्नामेंट को पहली बार भारतीय विजेता मिलेगा। यह ऐतिहासिक मौका है जब पहली बार प्रतियोगिता के फाइनल में दो भारतीय महिला खिलाड़ी पहुंची हैं। फाइनल में पहुंचकर दोनों ही दिग्गजों ने अगले साल होने वाले महिला कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए भी अपना स्थान पक्का कर लिया है।

हम्पी फाइनल की प्रबल दावेदार

कोनेरू हम्पी अपने बड़े मुकाबलों के दबाव को संभालने की क्षमता के चलते फिडे महिला विश्व कप फाइनल में दिव्या देशमुख के खिलाफ खिताब की प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं। 38 वर्षीय ग्रैंडमास्टर हम्पी ने सेमीफाइनल में चीन की टिंगजी लेई को टाईब्रेकर में मात देकर फाइनल में जगह बनाई। वहीं दिव्या ने चीन की ही पूर्व विश्व चैंपियन झोंगयी टैन को सेमीफाइनल के दूसरे गेम में हराया।

हम्पी इससे पहले विश्व महिला रैपिड चैम्पियनशिप का खिताब जीत चुकी हैं। हाल ही में महिला ग्रां प्री में संयुक्त रूप से पहला स्थान हासिल किया। उन्होंने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि उम्र महज एक संख्या है। उनका जुनून व प्रतिबद्धता आज भी पहले की तरह अडिग है।

भारत को मिलेगा नया चैंपियन

कोनेरू हम्पी ने फिडे वेबसाइट से बातचीत में कहा, "शतरंज प्रेमियों के लिए यह सबसे खुशी के पलों में से एक है क्योंकि अब खिताब निश्चित रूप से भारत के पास जाएगा।" हालांकि उन्होंने यह भी माना कि फाइनल मुकाबला आसान नहीं होगा। उन्होंने दिव्या देशमुख के प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा, "दिव्या ने इस पूरे टूर्नामेंट में बहुत अच्छा खेल दिखाया है। वह एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी होंगी।"

महज 19 साल की अंतरराष्ट्रीय मास्टर दिव्या देशमुख ने इस प्रतियोगिता में कई दिग्गजों को चौंकाया है। उन्होंने शीर्ष 10 में शामिल तीन खिलाड़ियों को हराकर फाइनल में जगह बनाई, जिनमें चीन की दूसरी वरीयता प्राप्त जिनर झू भी शामिल हैं, जिन्होंने खुद डी. हरिका को बाहर का रास्ता दिखाया था। दिव्या का प्रदर्शन इस टूर्नामेंट की सबसे बड़ी सफल कहानियों में से एक बनकर उभरा है।

अब खिताबी जंग में होगी असली परीक्षा

नागपुर की 19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने सेमीफाइनल में चीन की पूर्व विश्व चैंपियन झोंगयी टैन को हराकर फाइनल में जगह बनाई। जीत के बाद दिव्या ने कहा, "मुझे बस थोड़ी नींद और थोड़ा खाना चाहिए। इन दिनों मैं काफी चिंतित हूं।" अपनी बाजी को लेकर उन्होंने स्वीकार किया कि वह बेहतर खेल सकती थीं। उन्होंने कहा, "एक समय मैं जीत रही थी, लेकिन बीच में गलती हो गई। मुझे लगा था कि मुकाबला ड्रॉ रहेगा, पर अंत में मैं भाग्यशाली रही।"

दूसरी तरफ अनुभवी कोनेरू हम्पी ने प्री-क्वार्टर फाइनल में स्विट्जरलैंड की पूर्व विश्व चैंपियन एलेक्जेंड्रा कोस्टेनियुक को टाईब्रेकर में हराया। फिर युक्सिन सोंग के खिलाफ मजबूत प्रदर्शन किया। उनका सर्वश्रेष्ठ खेल सेमीफाइनल में देखने को मिला, जहां उन्होंने चीन की टॉप सीड टिंगजेई लेई को केवल पांच मिनट में पराजित कर दिया जब मुकाबला 3-3 से बराबर था।

फाइनल शनिवार को दो क्लासिकल गेम में खेला जाएगा। अगर दोनों मुकाबले 1-1 से बराबर रहते हैं तो विजेता का फैसला टाईब्रेकर के जरिए होगा। विजेता खिलाड़ी को 50,000 अमेरिकी डॉलर (करीब 41 लाख रुपए) और उपविजेता को 35,000 डॉलर (करीब 29 लाख रुपए) की इनामी राशि दी जाएगी।

खास बात यह है कि दोनों भारतीय खिलाड़ी अब अगले महिला कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए भी क्वालिफाई कर चुकी हैं, जहां से अगली विश्व महिला चैंपियनशिप के लिए चीन की मौजूदा चैंपियन वेनजुन जू की प्रतिद्वंद्वी तय होगी।

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