IND vs ENG: क्या ओल्ड ट्रैफर्ड की पिच बढ़ाएगी टीम इंडिया की टेंशन? बदलनी पड़ सकती है रणनीति

IND vs ENG 4th Test
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IND vs ENG 4th Test 

IND vs ENG 4th Test Pitch Report: भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही रोमांचक टेस्ट सीरीज अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। सीरीज का चौथा मुकाबला 23 जुलाई से मैंचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर खेला जाएगा, जहां टीम इंडिया के सामने 'करो या मरो' की स्थिति होगी। इंग्लैंड इस समय 2-1 से बढ़त बनाए हुए है। ऐसे में भारत को सीरीज में बने रहने के लिए यह मुकाबला हर हाल में जीतना होगा। पहले दो टेस्ट में बल्लेबाजों का दबदबा रहा, जबकि लॉर्ड्स की पिच ने गेंदबाजों की परीक्षा ली। ऐसे में अब सबकी नजरें ओल्ड ट्रैफर्ड की पिच पर टिकी हैं। जानिए क्या हो सकती है यहां की पिच की भूमिका और किसे मिलेगा फायदा?

जानिए, ओल्ड ट्रैफर्ड की पिच कैसी हो सकती है?

ओल्ड ट्रैफर्ड की पिच पारंपरिक रूप से बल्लेबाजी के अनुकूल मानी जाती है, लेकिन शुरुआत में तेज गेंदबाजों को यहां अच्छी खासी मदद मिलती है। खासकर पहले दिन के शुरुआती सेशन में पिच में मौजूद नमी और पेस-बाउंस का फायदा तेज गेंदबाज उठा सकते हैं। बता दें जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ता है, पिच सूखने लगती है और बल्लेबाजों के लिए खेलना आसान हो जाता है। यही वजह है कि टॉस जीतने वाली टीम अक्सर पहले बल्लेबाजी करना पसंद करती है। इसी मैदान पर ऑस्ट्रेलिया एक बार एक ही पारी में 656 रन बना चुकी है यानी यह पिच बल्लेबाजों के लिए काफी फायदेमंद हो सकती है।

जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ता है और पिच पुरानी होती है, वैसे-वैसे स्पिन गेंदबाजों को टर्न और बाउंस मिलना शुरू हो जाता है। इसी वजह से टॉस जीतने वाली टीम ज्यादातर पहले बल्लेबाजी करना पसंद करती है, ताकि आखिरी यानी चौथी पारी में मुश्किल पिच पर बल्लेबाजी से बचा जा सके। ओल्ड ट्रैफर्ड में टेस्ट क्रिकेट की चौथी पारी में सबसे बड़ा सफल रन चेज़ अब तक सिर्फ 294 रन रहा है। इससे साफ है कि इस मैदान पर आखिरी पारी में लक्ष्य हासिल करना बहुत मुश्किल होता है।

ओल्ड ट्रैफर्ड की पिच से कौन होगा परेशान?

इस मैदान पर भारत का टेस्ट रिकॉर्ड बेहद निराशाजनक रहा है। टीम इंडिया ने ओल्ड ट्रैफर्ड में अब तक 9 टेस्ट मैच खेले हैं, लेकिन एक भी जीत दर्ज नहीं कर सकी। इनमें से चार मैच हार में तब्दील हुए, जबकि एक मैच ड्रॉ रहा। ऐसे में भारत के सामने चौथे टेस्ट में इंग्लैंड को हराने की चुनौती होगी। प्लेइंग इलेवन की बात करें तो टीम इंडिया शायद ही कोई बड़ा बदलाव करे, लेकिन मौकों को भुनाने में नाकाम रहे करुण नायर की जगह किसी नए चेहरे को मौका मिल सकता है।

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