Haryana: हरियाणा की तीन अंतर्राष्ट्रीय महिला पहलवान डोप टेस्ट में फंसीं, NADA ने लगाया बैन

Wrestlers Doping Test Positive
Wrestlers Doping Test Positive: भारतीय महिला कुश्ती को एक बड़ा झटका लगा है, जहां हरियाणा की तीन इंटरनेशनल महिला पहलवान डोपिंग के मामले में फंस गई हैं। देश की उभरती हुई रेसलर रीतिका हुड्डा, मुस्कान नांदल और नितिका के डोप टेस्ट सैंपल पॉजिटिव पाए गए हैं। तीनों खिलाड़ी रोहतक जिले की रहने वाली हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। इस खुलासे के बाद इनके खेल करियर पर बड़ा असर पड़ सकता है और राष्ट्रीय एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) ने इन पर कार्रवाई शुरू कर दी है।
तीन इंटरनेशनल रेसलर्स पर डोपिंग का प्रतिबंध
देश की पहली अंडर-23 विश्व चैंपियन और पेरिस ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाली रोहतक की रीतिका हुड्डा, एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली मुस्कान और अंडर-20 एशियाई चैंपियनशिप की स्वर्ण विजेता नीतिका को डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने के बाद बड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ा है।
राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) ने इन तीनों महिला पहलवानों पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया है। रीतिका वह पहली भारतीय महिला पहलवान हैं जिन्होंने हेवीवेट वर्ग (76 किलो) में ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई किया था। अब यह विवाद इन खिलाड़ियों के भविष्य पर गंभीर असर डाल सकता है।
विदेशी लैब में हुई पुष्टि
रीतिका हुड्डा का डोप टेस्ट सैंपल मार्च में आयोजित चयन ट्रायल के दौरान लिया गया था, जिसे आगे की जांच के लिए विदेशी लैब भेजा गया था। दोबारा जांच में उनके सैंपल को पॉजिटिव पाया गया। वहीं मुस्कान का सैंपल 13 मई को दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय शिविर के दौरान आउट ऑफ कंपटीशन लिया गया, जिसमें GW 1516 नामक प्रतिबंधित सल्फोन की मौजूदगी की पुष्टि हुई है। नीतिका का नाम भी इस सूची में शामिल है और नाडा ने उनकी रिपोर्ट की समीक्षा कर ली है। इन खिलाड़ियों पर आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है।
खिलाड़ियों की निगरानी के लिए नियमित होता है डोप टेस्ट
खेलों में निष्पक्षता बनाए रखने के लिए खिलाड़ियों का समय-समय पर डोप टेस्ट किया जाता है। डोपिंग का मतलब है ऐसे कृत्रिम और प्रतिबंधित पदार्थों का सेवन करना, जिससे खिलाड़ी अपनी ताकत या सहनशक्ति को असामान्य रूप से बढ़ा सकें। यह खेल भावना और नियमों के विरुद्ध होता है। इसी वजह से सभी स्तरों पर खिलाड़ियों की निगरानी रखी जाती है और बगैर किसी पूर्व सूचना के भी उनका डोप टेस्ट लिया जा सकता है, ताकि खेलों में पारदर्शिता बनी रहे।
