दिव्या देशमुख: 5 साल की उम्र में शुरू किया सफर, 2021 में बनीं महिला ग्रैंडमास्टर

दिव्या देशमुख
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Divya Deshmukh India Chess Player Check FIDE Ranking : महिला शतरंज विश्व कप 2025 में भारत की युवा स्टार दिव्या देशमुख ने पहली ही कोशिश में बड़ा कमाल कर दिखाया है। 19 साल की अंतरराष्ट्रीय मास्टर दिव्या ने अपने डेब्यू वर्ल्ड कप में शानदार खेल दिखाते हुए टाईब्रेकर में द्रोणावल्ली हरिका को मात दी और सेमीफाइनल में जगह बना ली। अपने पहले विश्व कप में ही अंतिम चार तक पहुंचकर दिव्या एक बार फिर सुर्खियों में हैं।

कई बार की विश्व युवा चैंपियन

नौ दिसंबर 2005 को नागपुर में जन्मीं दिव्या देशमुख ने महज पांच साल की उम्र से शतरंज की बिसात पर कदम रखा था। डॉक्टर माता-पिता जितेंद्र और नम्रता की बेटी दिव्या ने 2012 में सात साल की उम्र में अंडर-7 नेशनल चैंपियनशिप जीतकर अपना नाम रोशन किया।

इसके बाद उन्होंने 2014 में डरबन में अंडर-10 और 2017 में ब्राजील में अंडर-12 कैटेगरी में विश्व युवा खिताब अपने नाम किए। उनकी लगातार सफलता और मेहनत का ही परिणाम रहा कि 2021 में वह महिला ग्रैंडमास्टर बनीं और विदर्भ की पहली तथा भारत की 22वीं महिला ग्रैंडमास्टर बनने का गौरव हासिल किया।

वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में भी लहराया परचम

दिव्या देशमुख ने 2023 में इंटरनेशनल मास्टर (IM) का खिताब अपने नाम किया और 2024 में विश्व जूनियर गर्ल्स अंडर-20 चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए 11 में से 10 अंक जुटाकर पहला स्थान हासिल किया। इसके साथ ही वह 45वें चेस ओलंपियाड में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने वाली प्रमुख खिलाड़ियों में रहीं। एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में भी उन्होंने अपना दबदबा कायम रखते हुए खिताब जीता। दिव्या अब शतरंज की दुनिया में एक जाना-पहचाना और भरोसेमंद नाम बन चुकी हैं।

दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी को हराकर रचा इतिहास

दिव्या देशमुख ने 2024 में फिडे वर्ल्ड ब्लिट्ज टीम शतरंज चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी होउ यिफान को हराकर सबको चौंका दिया। यह मुकाबला लंदन में 10 से 16 जून के बीच हुआ था। दिव्या की इस ऐतिहासिक जीत की सराहना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी की थी। यह जीत उनके करियर की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक मानी जा रही है।

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