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बीसीसीआई का बड़ा फैसला : 87 साल में पहली बार नहीं होगी रणजी ट्रॉफी

बीसीसीआई का बड़ा फैसला : 87 साल में पहली बार नहीं होगी रणजी ट्रॉफी
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नईदिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने सबसे प्रतिष्ठित घरेलू टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी का आयोजन न कराने का फैसला किया है। वर्ष 1934-35 में अपनी स्थापना के बाद पहली बार होगा, जब रणजी ट्रॉफी का आयोजन नहीं होगा। हालांकि बीसीसीआई ने घोषणा की है कि विजय हजारे ट्रॉफी, अंडर-19 राष्ट्रीय वनडे टूर्नामेंट वीनू मांकड़ ट्रॉफी और महिला राष्ट्रीय वनडे टूर्नामेंट का आयोजन किया जाएगा।

बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने सम्बंधित खेल राज्य संघों को लिखे पत्र में कहा,"खेल के सुरक्षित संचालन के लिए आवश्यक सावधानियों के आधार पर क्रिकेट कैलेंडर की योजना बनाना कठिन है। यह सुनिश्चित करना हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण था कि महिला क्रिकेट हो और आपको यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि हम विजय हजारे ट्रॉफी [पुरुषों के 50 ओवर के टूर्नामेंट] के साथ-साथ सीनियर महिला वन-डे टूर्नामेंट का संचालन करने जा रहे हैं और इसे वीनू मांकड़ ट्रॉफी अंडर -19 के साथ फॉलो किया जाएगा।"

उन्होंने पत्र में लिखा,"इन टूर्नामेंटों के बारे में विवरण जल्द ही आपको [राज्य संघों] को भेज दिया जाएगा।" उन्होंने कहा,''हम पहले ही काफी समय गंवा चुके हैं और सुरक्षात्मक उपायों को ध्यान में रखकर क्रिकेट कैलेंडर तैयार करना काफी कठिन था।''

शाह ने पत्र में टी 20 सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के "सफल आयोजन" की ओर इशारा किया,जिसका फाइनल रविवार को खेला जाना है, और इंग्लैंड और भारतीय क्रिकेट टीम के बीच खेले जानी वाली श्रृंखला की योजनाओं के बारे में बताया। बता दें कि बीसीसीआई ने अपनी एजीएम में तय किया था कि सत्र छोटा होने पर खिलाड़ियों को क्षतिपूर्ति की जायेगी। समझा जाता है कि बोर्ड इस दिशा में कोई उपाय करेगा ताकि घरेलू क्रिकेटरों की आर्थिक स्थिति पर असर नहीं पड़े।

Updated : 12 Oct 2021 11:02 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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