भारतीय बेटियों ने रचा इतिहास

भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इतिहास रच दिया है और दिखा दिया है कि यह नए भारत की बेटियाँ हैं। महिला विश्वकप क्रिकेट 2025 के सेमीफाइनल में टीम इंडिया ने सात बार की विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को पराजित कर फाइनल में प्रवेश किया है। अब 2 नवंबर को उसका मुकाबला दक्षिण अफ्रीका से होगा।
विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया पिछले आठ सालों से अपराजेय थी और यह पहली बार है जब वह किसी मुकाबले में हारी है। खास बात यह है कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने महिला विश्वकप के इतिहास में सबसे बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए विश्व रिकॉर्ड बनाया।
जेमिमा रोड्रिग्स के शतक और कप्तान हरमनप्रीत कौर के दमदार अर्धशतक की बदौलत भारत ने 339 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए 5 विकेट से जीत हासिल की। इससे पहले महिला विश्वकप के इतिहास में किसी टीम ने नॉकआउट मैच में 250 से अधिक रनों का लक्ष्य हासिल नहीं किया था, लेकिन भारतीय महिला टीम ने न केवल 250 बल्कि 339 रनों का लक्ष्य पार कर इतिहास रच दिया।
इसके साथ ही यह भी तय हो गया है कि इस बार महिला क्रिकेट को एक नया विश्व चैंपियन मिलेगा, क्योंकि भारत और दक्षिण अफ्रीका- दोनों ही टीमों ने अब तक कोई वनडे विश्वकप नहीं जीता है। भारतीय टीम ने तीसरी बार विश्वकप फाइनल में प्रवेश किया है। इससे पहले 2005 और 2017 में भारत को फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था।
यदि भारतीय बेटियाँ 2 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका को पराजित करती हैं, तो यह पहली बार होगा जब वे विश्व चैंपियन बनेंगी। इसके लिए भारतीय क्रिकेट प्रशंसक अभी से जश्न की तैयारियों में जुट गए हैं और पूजा-पाठ कर जीत की कामना कर रहे हैं।
इस टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया ने पहले भारत के खिलाफ 331 रनों का लक्ष्य हासिल कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था, जिसे अब भारत ने तोड़ दिया है। इससे पहले श्रीलंका ने 302 रनों का लक्ष्य हासिल किया था। अब तक सिर्फ तीन टीमें- भारत, ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका — ही हैं जिन्होंने महिला वनडे क्रिकेट में 300 से अधिक रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत दर्ज की है।
भारतीय टीम ने अपने इतिहास में पहली बार दूसरी पारी में इतने अधिक रन बनाए हैं। अगस्त में विश्वकप ट्रॉफी के अनावरण समारोह में कप्तान हरमनप्रीत कौर ने इस बार “मिथक तोड़ने” की हुंकार भरते हुए ट्रॉफी का सूखा खत्म करने का संकल्प लिया था। अब वह मिथक तोड़ने के लिए बस एक आखिरी कदम दूर हैं-2 नवंबर को फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वह आखिरी दरवाजा भी टूट सकता है।
जोश से भरी जांबाज भारतीय छोरियों ने वह उम्मीद जगा दी है। ऑस्ट्रेलिया पिछले 15 विश्वकप मैचों से अजेय रही थी। उसकी पिछली हार भी भारत के हाथों ही हुई थी, और वह भी सेमीफाइनल में। तब हरमनप्रीत कौर ने नाबाद 171 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली थी, हालांकि उस समय वह कप्तान नहीं थीं।
2017 के सेमीफाइनल में भारत से हारने के बाद से ऑस्ट्रेलिया विश्वकप का एक भी मैच नहीं हारी थी और पिछले विश्वकप में भी पूरे टूर्नामेंट के दौरान अजेय रही थी। इस बार भी वह अजेय रहते हुए सेमीफाइनल तक पहुँची थी। लेकिन किसे पता था कि जिस टीम से उसकी पिछली हार हुई थी, वही टीम उसके विजय रथ को रोक देगी।
विश्वकप में लगातार सबसे अधिक मैच जीतने का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के नाम है। उसने इससे पहले भी 1993 से 2000 के बीच लगातार 15 मैच जीते थे। सेमीफाइनल में ऐतिहासिक जीत के बाद जेमिमा रोड्रिग्स और कप्तान हरमनप्रीत कौर अपने आँसुओं पर काबू नहीं रख सकीं। उन्होंने देश के लिए वह कर दिखाया जो पहले कभी नहीं हुआ था।
यह खुशी के आँसू उस अविश्वसनीय जीत के थे। अब बस एक कदम और, और भारतीय बेटियाँ आईसीसी ट्रॉफी का सूखा खत्म कर देंगी-क्योंकि भारतीय छोरियाँ कुछ भी कर सकती हैं।
