Home > खेल > क्रिकेट > विदेशी दौरों पर टीम इंडिया की परफॉर्मेंस से खुश नहीं गांगुली

विदेशी दौरों पर टीम इंडिया की परफॉर्मेंस से खुश नहीं गांगुली

विदेशी दौरों पर टीम इंडिया की परफॉर्मेंस से खुश नहीं गांगुली
X

नई दिल्ली। न्यूजीलैंड के दौरे पर इस साल के शुरू में भारतीय टीम का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। बेशक टी-20 में भारत ने व्हाइटवाश किया, लेकिन वनडे और टेस्ट में उन्हें करारी हार का मुंह देखना पड़ा। इसके बाद विराट कोहली के नेतृत्व में विदेशी दौरों पर जीत हासिल नहीं पाने का मामला एक फिर से उठने लगा। बीसीसीआई के अध्यक्ष और पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने इस बात का खुलासा किया कि टीम की क्षमताएं विदेशी दौरों पर आपकी परफॉर्मेंस से तय होती हैं। उन्होंने कहा कि वह हेड कोच रवि शास्त्री और कप्तान कोहली से इस बारे में बात करेंगे।

सौरव गांगुली ने कहा, ''आपको बाहर अच्छा खेलना होता है, लेकिन टीम इंडिया ऐसा नहीं कर पा रही है। मैं अपने आपको तभी जज करता हूं, जब मैं यह देखूं कि मैं देश से बाहर कैसा खेल रहा हूं। मैं शास्त्री और कोहली से इस बारे में बात करूंगा ताकि उन्होंने विदेशों में अच्छा खेलने में मदद मिले।''

8 जुलाई को 48 साल के हुए गांगुली ने कहा, ''मुझे लगता है कि पिछले चार महीने में चीजें बदली हैं। आप देखिए केएल राहुल अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं। मोहम्मद शमी खेल के हर फॉर्म में उम्दा परफॉर्म कर रहे हैं। रवींद्र जडेजा हर फॉर्म में खेल रहे हैं। रोहित शर्मा क्रिकेट के तीनों फॉर्मैट में खेल रहे हैं और रन बना रहे हैं।''

उन्होंने कहा, ''विराट कोहली कंसीस्टेंसी का अर्थ जानते हैं। न्यूजीलैंड दौरे पर अच्छा प्रदर्शन न करने के बाद इस साल के अंत में टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया में अच्छा प्रदर्शन करेगी। आप पर दबाव होता है, लेकिन इतने दबाव का कोई अर्थ नहीं है जो काम न करे। विराट भी उसी दौर में है। मैं चाहूंगा कि ऑस्ट्रेलिया में टीम इंडिया अच्छा परफॉर्म करे।''

सौरव गांगुली को भारतीय क्रिकेट को सही आकार देने के लिए जाना जाता है। उनके नेतृत्व में टीम इंडिया एक ऐसी टीम बनी जो दुनिया की किसी भी टीम का मुकाबला कर सकती थी। उन्हीं की कप्तानी में भारत ने विदेशों में जीतना शुरू किया। लीडरशिप पर गांगुली ने कहा, ''मैं मैदान पर एकदम अलग होता था। मैं जन्मजात लीडर नहीं था, लेकिन एक बार खेलने के बाद मैं लगातार बेहतर होता गया। मैं मैदान पर हमेशा प्रतियोगी रहा। क्रिकेट मेरे लिए बहुत अहम और करीबी रहा है। टीम को लीड करना और भी ज्यादा मुश्किल है। 4-5 माह से बीसीसीआई का अध्यक्ष बनना शानदार अनुभव है।''

Updated : 9 July 2020 8:40 AM GMT
Tags:    
author-thhumb

स्वदेश डेस्क

वेब डेस्क


Next Story
Top