पूर्व क्रिकेटर केदार जाधव बीजेपी में हुए शामिल: राजनीति में नई पारी की शुरुआत…

राजनीति में नई पारी की शुरुआत…
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भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ऑलराउंडर केदार जाधव ने मंगलवार को औपचारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सदस्यता ग्रहण कर राजनीति में अपनी नई पारी की शुरुआत की।

उन्होंने मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण और अन्य पार्टी पदाधिकारियों की मौजूदगी में बीजेपी का दामन थामा।

राजनीति में एंट्री के संकेत पहले ही मिल चुके थे, जब केदार जाधव ने हाल ही में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की थी। इसके बाद उनकी बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई थीं, जिन पर अब आधिकारिक मुहर लग चुकी है।

भाजपा में शामिल होने के बाद पूर्व भारतीय क्रिकेटर केदार जाधव ने कहा, "2014 से जब से केंद्र में भाजपा की सरकार आई है, उन्हें जिस तरह का प्यार और समर्थन मिला है और जिस तरह की उपलब्धियां पीएम मोदी और सीएम देवेंद्र फडणवीस ने हासिल की हैं, मुझे लगता है कि यह बहुत प्रेरणादायक है और मेरा लक्ष्य उनके नक्शेकदम पर चलना है और भाजपा के लिए जो भी छोटा योगदान हो सके, वह करना है। मुझे पूरा विश्वास है कि मुझे जो भी जिम्मेदारी मिलेगी, मैं उसे पूरी ईमानदारी से निभाने की कोशिश करूंगा..."

केदार जाधव का क्रिकेट करियर कैसा रहा?

पुणे के रहने वाले 38 वर्षीय केदार जाधव का भारतीय टीम में एक शानदार लेकिन उतार-चढ़ाव भरा करियर रहा।

उन्होंने 73 वनडे मैच खेले, जिसमें 1389 रन बनाए और 27 विकेट भी झटके। उनका बल्लेबाजी औसत 42.09 रहा, जो बताता है कि उन्होंने मिडिल ऑर्डर में टीम को कई बार संभाला।

टी20 में उन्होंने भारत के लिए 9 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 122 रन बनाए। हालांकि, उन्हें कभी टेस्ट टीम में खेलने का मौका नहीं मिला।

IPL में अच्‍छा रहा केदार जाधव का करियर

आईपीएल में केदार जाधव ने एक के बाद एक पांच टीमों की तरफ से मैच खेला

उन्होंने 95 मैचों में 1208 रन बनाए। वे चेन्नई सुपर किंग्स, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, दिल्ली डेयरडेविल्स, कोचीन टस्कर्स और सनराइजर्स हैदराबाद जैसी टीमों का हिस्सा रहे।

राजनीति में क्या भूमिका निभाएंगे?

बीजेपी में शामिल होने के बाद माना जा रहा है कि केदार जाधव महाराष्ट्र में पार्टी के लिए एक युवा और लोकप्रिय चेहरा साबित हो सकते हैं, खासतौर पर पुणे और मराठवाड़ा क्षेत्र में। पार्टी की रणनीति में उनका रोल बढ़ सकता है, खासकर 2024 लोकसभा चुनाव के बाद राज्य में नई ऊर्जा लाने के प्रयासों में।

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