Bengaluru Stampede: खेल का जश्न या मौत का मंजर? बेंगलुरु जैसी 5 दिल दहला देने वाली घटनाएं

Bengaluru Stampede
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Sports Celebration Disaster: 18 साल के इंतजार के बाद रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) ने पहला आईपीएल खिताब जीतकर पूरे शहर में जश्न का माहौल बना दिया। बुधवार को स्टेडियम के बाहर जमा करीब दो लाख प्रशंसकों की भीड़ को पुलिस नियंत्रित नहीं कर पाई और अफरातफरी मच गई। इस भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई और 30 से ज्यादा घायल हो गए। घटना की भयावहता को देखते हुए बीसीसीआई ने भी सार्वजनिक बयान जारी कर तैयारियों में चूक को जिम्मेदार ठहराया। वहीं आरसीबी टीम प्रबंधन ने क्रिकेट प्रेमियों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है।

5 दिल दहला देने वाली घटनाएं

कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुष्टि की कि बेंगलुरु में मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई है और 30 से ज़्यादा लोग घायल हैं। सरकार ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए का मुआवज़ा देने का ऐलान किया है। यह पहली बार नहीं है जब खेलों की खुशियाँ मातम में बदल गई हों। हाल ही में पेरिस सेंट-जर्मेन (PSG) की पहली चैंपियंस लीग जीत के जश्न के दौरान पेरिस में हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी। हम आपको खेलों के जश्न की ऐसी ही पांच और दर्दनाक घटनाओं के बारे में बता रहे हैं।

PSG की ऐतिहासिक जीत के बाद जश्न में छाया मातम

पेरिस सेंट जर्मेन (PSG) ने यूईएफए चैंपियंस लीग के फाइनल में इंटर मिलान को 5-0 से हराकर इतिहास रच दिया। यह क्लब का पहला चैंपियंस लीग खिताब था और साथ ही पिछले 70 सालों में फाइनल में उसकी सबसे बड़ी जीत भी थी। जश्न का माहौल उस समय मातम में बदल गया जब पेरिस की सड़कों पर भीड़ के बीच हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई और एक पुलिस अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग भी करना पड़ा।

पीएसजी की ऐतिहासिक जीत के बाद पेरिस की सड़कों पर जमकर बवाल हुआ। जश्न के दौरान प्रशंसक नियंत्रण खो बैठे और कई इलाकों में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रशंसकों ने पुलिस पर पथराव किया। वाहनों में आग लगा दी और सड़कों पर उत्पात मचाया। इस हिंसा के कई वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुए हैं।

लिवरपूल की ट्रॉफी परेड में मची अफरा-तफरी (26 मई, 2025)

लिवरपूल की इंग्लिश प्रीमियर लीग जीत के बाद जब हजारों प्रशंसक सड़कों पर जश्न मना रहे थे, तभी एक कार अनियंत्रित होकर भीड़ को कुचलती हुई निकल गई। इस भीषण हादसे में 27 लोग घायल हो गए। 2019-20 के बाद लिवरपूल की यह पहली खिताबी जीत थी, लेकिन खुशी का यह मौका कुछ ही पलों में दुखद हादसे में बदल गया।

फुटबॉल मैदान बना मौत का मंजर

1 अक्टूबर 2022 को इंडोनेशिया के मलंग रीजेंसी स्थित कंजुरुहान स्टेडियम में एक फुटबॉल मैच के दौरान हुए हादसे ने पूरे खेल जगत को झकझोर दिया। अरेमा एफसी की हार के बाद भड़के फैंस ने मैदान में घुसने की कोशिश की और कुछ ने खिलाड़ियों पर हमला कर दिया। हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया, जिससे भगदड़ मच गई। इस हृदयविदारक घटना में 125 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों घायल हुए। उस समय स्टेडियम में करीब 42 हजार दर्शक मौजूद थे।

1964 में पेरू में फुटबॉल मैच के दौरान मची भगदड़

24 मई 1964 को पेरू की राजधानी लिमा में एक फुटबॉल मैच खेला जा रहा था। यह ओलंपिक क्वॉलिफाइंग मुकाबला पेरू और अर्जेंटीना के बीच था। मैच के आखिरी पलों में रेफरी ने पेरू के एक गोल को अस्वीकार कर दिया। इस फैसले से नाराज फैंस मैदान में घुसने लगे। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस छोड़ी।

स्टेडियम में मौजूद हजारों लोग घबराकर निकास द्वार की ओर भागे, लेकिन गेट बंद था। इससे भीड़ में दबकर और दम घुटने से 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। वहीं 500 से अधिक लोग घायल हो गए। यह फुटबॉल इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक बन गई।

1982 में मॉस्को स्टेडियम में मची भगदड़

20 अक्तूबर 1982 को मॉस्को के लुझिनिकी स्टेडियम में एक फुटबॉल मैच खेला जा रहा था। यह मुकाबला नीदरलैंड की टीम हार्लेम और मॉस्को की स्पार्टक के बीच था। मैच देखने के लिए करीब 15 हजार लोग स्टेडियम में मौजूद थे।

मैच के दौरान अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें 66 लोगों की जान चली गई। इस घटना की जानकारी तुरंत सामने नहीं आई। करीब सात साल बाद 1989 में सोवियत मीडिया ने इसका खुलासा किया।

कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि इस हादसे में 350 तक लोगों की मौत हुई थी। शुरू में डच टीम को दोषी ठहराया गया, लेकिन बाद में पता चला कि पुलिस ने भीड़ को एक कोने में इकट्ठा कर दिया था। इसी से भगदड़ शुरू हुई। यह रूस के खेल इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक मानी जाती है।

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