कुशल योजक और सफल संगठक थे नारायण कृष्ण शेजवलकर

आदेश शर्मा
श्री नारायण कृष्ण शेजवलकर जी काका जी का जन्म 7 अगस्त 1923 को हुआ आप 23 अगस्त 2000 तक हम लोगों के बीच रहे भारतीय जनता पार्टी वर्तमान में एक बड़े बट वृक्ष के रूप में स्थापित है एक छोटे से दल को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने में कई व्यक्तित्वों ने अपना सर्वस्व लगाया, जनसंघ से लेकर भारतीय जनता पार्टी की स्थापना में ग्वालियर की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है समाज में हर व्यक्ति की अलग-अलग पहचान मान्यता होती है देश में जनसंख्या से लेकर भारतीय जनता पार्टी को नई पहचान दिलाने में आम कार्यकर्ताओं में काका जी के नाम से जाने जाने वाले वरिष्ठ अभिभाषक श्री नारायण कृष्ण शेजवलकर जी का योगदान भी महत्वपूर्ण रहा है।
काका को जी उच्च न्यायालय से लेकर सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली तक अपनी कार्यशैली व्यवहार और एक अनुशासन प्रिय कार्यकर्ता नेता और अभिभाषक के रूप में ख्याति प्राप्त थी। काका जी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से लेकर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता और नेताओं का सानिध्य प्राप्त हुआ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साधारण स्वयंसेवक से लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक श्री माधव सदाशिव राव गोलवलकर गुरु जी वरिष्ठ प्रचारक लक्ष्मणराव तराणेकर जी वरिष्ठ पत्रकार मामा मानिक चंद बाजपेई जी श्री कुंटे जी डॉ कमल किशोर जी, माधव शंकर इंदापुरकर जी, भाऊ साहब पोतनीश, गंगाराम बांदिल, जगदीश गुप्ता कुशल संगठक और प्रचारक कुशाभाऊ ठाकरे जी और भारतीय जन संघ भारतीय जनता पार्टी के स्थापक सदस्य देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी, लालकृष्ण आडवाणी जी जैसे अनेकों राष्ट्रीय स्तर के नेता जब भी ग्वालियर आते थे काका जी के गृह निवास पर ही रहते थे और वहीं से संगठन का कार्य करते थे। इन सबके सानिध्य और विचारों से प्रभावित हो काका जी ने अपनी कार्यशैली से नए कार्यकर्ताओं को विचारधारा से जुड़ने के साथ संगठन को मजबूती प्रदान प्रदान की, आप एक अभिभाषक होने के साथ-साथ अच्छे प्रशासक भी थे।
जब पूरे देश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी विचारधारा को स्थापित करने संघर्ष कर रहा था उस समय काका जी जैसे स्वयंसेवक कौन है हजारों व्यक्तियों को संघ विचारधारा और संघ विस्तार कार्य में आगे बढ़ते हुए अच्छे भविष्य की नींव भी रखी उसी का परिणाम है कि वर्तमान राजनीतिक संगठन में हमें जो हरियाली दिखाई दे रही है। काका जी जैसे कार्यकर्ता, नेताओं द्वारा हमें जो सकारात्मकता दी है उसी के परिणाम स्वरूप आज भारतीय जनता पार्टी एक बट वृक्ष के रूप में राष्ट्रीय राजनीति में शीतलता की छाया प्रदान कर रही है।
काका जी 1961 में देश में पहले गैर कांग्रेसी महापौर बने और उन्होंने संगठन और पार्टी के प्रगति के द्वार खोल दिए इससे देश में कार्य कर रहे कार्यकर्ताओं में नए उत्साह का संचार हुआ और वह संगठन को उत्कृष्ट प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध होकर कार्य करने लगे 1975 में लगे आपातकाल में काका जी जेल गए और उन्होंने 19 महीने देश के वरिष्ठ नेताओं के साथ अलग-अलग जिलों में बताए इसमें ग्वालियर ही नहीं देश के अनेकों कार्यकर्ता नेता उनके साथ रहे। काका जी एक अच्छे कार्यकर्ता और अभिभाषक होने के साथ-साथ कुशल संगठन भी थे आप दो बार छठवी और सातवीं लोकसभा में ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए और एक बार राज्यसभा सांसद के रूप में भी आपने कार्य किया। ऐसा कर उन्होंने संसद के दोनों सदनों में ग्वालियर की आवाज पूरे देश में बुलंद की और उसे समय की राष्ट्रीय राजनीति पृष्ठभूमि में उनके द्वारा दिए गए सुझाव राष्ट्रीय स्तर पर विचारणीय रहे। काका जी ने अपने नए कार्यकर्ताओं को बनाया और सदाचार से चलने का मार्ग भी दिखाया।
देश की वर्तमान राजनीति में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और अनेक प्रदेशों के राज्यपाल उस समय संगठन कार्य करते समय काकाजी के संपर्क में आए थे। आज भी कोई ग्वालियर वासी प्रचारक या संघ कार्यकर्ता से मिलने पर काका जी का स्मरण कर उनके द्वारा उस समय किए गए संगठनात्मक कार्यों की चर्चा कर उन्हें याद करते हैं। काकाजी की कार्यशैली सदैव कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणादायी रहेगी। आदरणीय काकाजी को सादर नमन।
