Home > विशेष आलेख > लालू-पुत्र का रुख, रिश्तों पर उठते सवाल

लालू-पुत्र का रुख, रिश्तों पर उठते सवाल

: डॉ. नीलम महेंद्र

लालू-पुत्र का रुख, रिश्तों पर उठते सवाल
X
File Photo

हाल ही में जापान की राजकुमारी ने अपने दिल की आवाज सुनी और एक साधारण युवक से शादी की। अपने प्रेम की खातिर जापान के नियमों के मुताबिक, उन्हें राजघराने से अपना नाता तोड़ना पड़ा। जापान के राजपरिवार के नियमों के मुताबिक अब वे परिवार की सम्पत्ति की हकदार नहीं रहीं और प्रेम की खातिर वे राजकुमारी से एक साधारण नागरिक बन गईं हैं। कैम्ब्रिज के ड्यूक और ब्रिटेन के शाही परिवार के राजकुमार विलियम ने एक साधारण परिवार की कथेरिन मिडलटन से विवाह किया (2011) और आज दुनिया भर में एक आदर्श जोड़े के रूप में पहचाने जाते हैं। स्वीडन की राजकुमारी विक्टोरिया ने स्वीडन के एक छोटे से समुदाय से आने वाले डेनियल वेसलिंग से शादी की (2010)। डेनियल कभी उनके पर्सनल ट्रेनर हुआ करते थे। मोनाको के राजकुमार रेनियर तृतीय ने हॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री ग्रेस केली से विवाह किया(1956)।1982 में एक कार दुर्घटना में अपनी मृत्यु तक वे मोनाको की राजकुमारी के रूप में रेनियर तृतीय ही नहीं मोनाको के लोगों के दिलों पर भी राज करती रहीं।

इस प्रकार की हाई प्रोफाइल, सामाजिक और दृष्टिकोण से बेमेल लेकिन आपसी सामंजस्य में सफल विश्व की अनेकों जोड़ियों की चर्चा के बीच अगर हम अपने देश के एक हाई प्रोफाइल जोड़े आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजप्रताप और बिहार के ही एक शक्तिशाली राजनीतिक परिवार की बेटी ऐश्वर्या की बात करें तो स्थिति बिल्कुल विपरीत दिखाई देगी। यह किसी ने नहीं सोचा होगा कि 6 महीने में ही दोनों में तलाक की नौबत आ जायेगी। कहा जा सकता है कि सामाजिक और आर्थिक रूप से दोनों परिवार बेमेल नहीं थे। लेकिन फिर भी तेजप्रताप का कहना है कि हमारी जोड़ी बेमेल है और ऐसे रिश्ते को ढोते रहने से अच्छा है उससे मुक्त हो जाना।

हमारे देश में इस प्रकार का यह कोई पहला मामला नहीं है लेकिन देश के एक नामी राजनीतिक परिवार से जुड़ा होने के कारण इसने ना सिर्फ मीडिया बल्कि पूरे देश का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया और शादी एवं तलाक को लेकर एक बहस भी छेड़ दी है। भारत में लगभग 14 लाख लोग तलाकशुदा हैं जो कि कुल आबादी का करीब 0.11% है और शादीशुदा आबादी का 0.24% हिस्सा है। चिंता की बात यह है कि भारत जैसे देश में भी यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है।

अगर हम तलाक के पीछे की वजह तलाशते हैं तो चिंता और बढ़ जाती है। किसी को तलाक इसलिए चाहिए क्योंकि उसे अपने पार्टनर की पसीने की बदबू से एलर्जी थी तो किसी को अपने साथी की दोस्तों को बहुत अधिक उपहार देने की आदत से परेशानी थी। नागपुर के एक जोड़े ने हनीमून से लौटते ही तलाक की अर्जी इसलिए दे दी क्योंकि पति गीला तौलिया बिस्तर पर रखने की अपनी आदत नहीं बदल पा रहा था और पत्नी को सफाई की आदत थी। एक दूसरे जोड़े ने हनीमून से वापस आते ही तलाक मांगा क्योंकि पति ने एक भी दिन होटल का खाना नहीं खिलाया। दरअसल सास ने घर का खाना साथ देकर खाने पर पैसे खर्च करने से मना किया था।

दरअसल कहने को तलाक की अनेक वजह हो सकती हैं लेकिन समझने वाली बात यह है कि केस कोई भी हो तलाक की केवल एक ही वजह होती है। "एक दूसरे के साथ तालमेल ना बैठा पाना", एक दूसरे के साथ सामंजस्य न होना। रिश्ता कोई भी हो आपसी तालमेल से बहुत सी समस्याओं को हल करके एक दूसरे के साथ सामंजस्य बैठाया जा सकता है। समझने वाला विषय यह है कि इसके लिए एक दूसरे की सामाजिक, आर्थिक या पारिवारिक पृष्ठभूमि का कोई महत्व नहीं होता जैसा कि हमने ऊपर कई बेमेल लेकिन सफल जोड़ियों के संदर्भ में देखा। अगर दिलों में फासले न हो तो सामाजिक आर्थिक या फिर पारिवारिक पृष्ठभूमि की दूरियां कोई मायने नहीं रखतीं। अफसोस की बात है कि आज के इस भौतिकवादी दौर में जब हम लड़का या लड़की देखते हैं तो हमारी लिस्ट में लड़के या लड़की का आर्थिक पैकेज होता है, उनके संस्कार नहीं। ध्यान में उनकी शारीरिक सुंदरता जैसे बाहरी विषय होते हैं, उनके आचरण और विचारों की शुद्धता नहीं। जिस रिश्ते की नींव बाहरी और भौतिक आकर्षणों पर रखी जाती है, वो एक हल्के से हवा के झोंके से ताश के पत्तों की तरह ढह जाती है। इसके विपरीत जिन रिश्तों की नींव आत्मा और हृदय जैसे गम्भीर भावों पर टिकी होती हैं, वो आँधियों को भी अपने आगे झुकने के लिए मजबूर कर देती हैं।

आज जब हमारा समाज रिश्तों में आए इस कठिन दौर से गुजर रहा है, जब शादी से तलाक तक का सफर कुछ ही माह में तय कर लिया जा रहा हो तो जरूरत इस बात की है कि हमें बाहरी आकर्षणों से अधिक भीतरी गुणों को, फाइनैंशल स्टेटस से अधिक संस्कारों के स्टेटस को, चेहरे की सुंदरता से अधिक मन की सुंदरता को तरजीह देने होगी।

Updated : 26 Nov 2018 6:21 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top