वैश्विक विकास का प्रमुख चालक बनता भारत

चेतनादित्य आलोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शासन काल में देश अथवा देश से संबंधित प्राय: प्रत्येक मामले को प्रभावित किया है। चाहे केंद्र सरकार के किसी विभाग की कोई योजना, नीति या कार्य हो अथवा देश के वर्तमान, भूत या भविष्य से जुड़ा कोई मामला हो, चाहे देश की पुरानी, अप्रासंगिक एवं अनुपयोगी हो चुकी व्यवस्था हो या कोई कानून अथवा निर्माण, चाहे देश के भीतर के दुश्मनों की चालें हों अथवा भारत की शांति और संप्रभुता के लिए चुनौती बने देश के बाहर के शत्रु, चाहे वैश्विक पटल पर भारत के आन-बान और शान में वृद्धि की बात हो या देश के भीतर हमारी आर्थिक समृद्धि या वैज्ञानिक, तकनीकी अथवा प्रौद्योगिक उन्नति का मामला, चाहे देश के विभिन्न वर्गों और समाजों विशेषकर गरीब, दलित, निर्धन, पिछड़े, हरिजन, आदिवासी आदि के विकास की बात हो या एक राष्ट्र के रूप में भारत के सांस्कृतिक उन्नयन एवं धार्मिक-आध्यात्मिक पहचान की, प्राय: प्रत्येक मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद शक्तिशाली प्रभावों को स्पष्ट रूप से देखा और महसूस किया जा सकता है।
यदि 2014 में आयोजित नरेंद्र मोदी की यात्राओं और सभाओं को याद करें तो भ्रष्टाचार के आरोपों से धूमिल प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल में शामिल नेताओं के विरूद्ध उन्होंने राजनीति में स्वच्छता एवं साफ -सफाई, संप्रन्नता, तीव्रता, विविधता एवं सार्वभौमिकता को शामिल करने का सपना दिखाया, जिसे प्रधानमंत्री बनकर उन्होंने पूरा भी किया। उन्होंने उश्रर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक देश भर के लोगों में उम्मीद की किरण जगाकर लोकतंत्र पर से उठते भरोसे को फिर से बढ़ाने का कार्य किया। सच कहें तो वर्षों से तमाम प्रकार की समस्याओं, अभावों, असफलताओं, संकटों, दुखों और विपश्रियों से दो-दो हाथ कर ऊब चुकी देश की जनता को 2014 में ऐसा लगा था कि यदि मोदी सरकार सचमुच अच्छे दिन ला सकती है। तब एकबारगी ऐसा लगा था कि इस जिद्दी, कभी हार नहीं मानने वाले और परिश्रमी चाय वाले ने भारतीय राजनीति के गरमागरम प्याले में उम्मीदों का वसंत ला दिया है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने एक नया इतिहास रचते हुए 17 करोड़ से भी अधिक देशवासियों का मत प्राप्त कर लोकसभा की कुल 543 में से 303 सीटें जीत लीं। इस प्रकार देश की जनता-जनार्दन ने मोदी को भारतीय राजनीति का सिरमौर बना दिया। नरेंद्र मोदी ने जब 2014 में प्रधानमंत्री का पद संभाला तो भारत की जीडीपी लगभग 112 लाख करोड़ रुपए की थी, जबकि आज हमारे देश की जीडीपी 272 लाख करोड़ रुपए से अधिक की हो चुकी है। हमें गर्व होना चाहिए कि आज हमारा देश इंग्लैंड को पछाड़कर विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। वैसे प्रधानमंत्री मोदी ने 2025 तक देश की जीडीपी को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। हालांकि यह एक बेहद ही कठिन कार्य है और वर्तमान परिस्थितियों में इसे हासिल कर पाना और भी मुश्किल प्रतीत होता है। बहरहाल, पिछले नौ वर्षों में मोदी सरकार ने हालांकि अनेक कार्यों और योजनाओं को शुरू किया और उन्हें अंजाम तक भी पहुंचाया, लेकिन उनमें से नौ प्रमुख योजनाएं ऐसी हैं, जिन्होंने मोदी सरकार की वर्तमान छवि के निर्माण में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी हैं। मोदी सरकार की 'जन-धन योजनाÓ एक ऐसी ही योजना है, जिसके अंतर्गत देशभर में 48.93 करोड़ लोगों के बैंक खाते शुरू किये गये। पीएम मोदी के कार्यकाल में 'जन आरोग्य योजनाÓ के अंतर्गत 4.44 करोड़ लोगों की नि:शुल्क चिकित्सा करायी गयी। 'प्रधानमंत्री आवास योजनाÓ के अंतर्गत 3.45 करोड़ योग्य लाभार्थियों के लिए घर का निर्माण कराया गया। 'उज्जवला योजनाÓ में 9.59 करोड़ घरों में एलपीजी सुविधा उपलब्ध कराई गई। 'किसान सम्मान निधिÓ योजना के अंतर्गत देशभर के 12 करोड़ किसानों को प्रति वर्ष 6 हजार रुपए की सहायता राशि दी जाने लगी, जो आज भी जारी है। 'स्वच्छ भारत अभियानÓ के अंतर्गत गांव-शहर मिलाकर देशभर में 12 करोड़ शौचालयों का निर्माण कराया गया। केंद्र सरकार की 'हर धर जल योजनाÓ के अंतर्गत अब तक 11.66 करोड़ परिवारों को पीने योग्य साफ पानी उपलब्ध कराने का कार्य पूरा किया गया। इसी प्रकार कोरोना महामारी के दौरान शुरू किए गए कोविड टीकाकरण में अब तक देश भर में 220.67 करोड़ वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है। मोदी सरकार की 'मुद्रा योजनाÓ में लोगों को बिना गारंटी के ही सस्ता ऋ ण देने का कार्य भी किया गया। इनके अतिरिक्त पीएम मोदी के कार्यकाल के दौरान शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य किया गया। बता दें कि पिछले नौ वर्षों में मोदी सरकार ने शिक्षा के बजट में 30 हजार करोड़ रुपए की वृद्धि की है।
लेखक वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार एवं
राजनीतिक विश्लेषक हैं)
