शिवपुरी में लालच देकर आदिवासियों को धर्मांतरण का प्रयास, 3 शिक्षक, पटवारी-पादरी गिरफ्तार

शिवपुरीः मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के बदरवास तहसील के कई गांवों में पिछले कुछ सालों से सरकारी शिक्षक, पटवारी और पारदी मिलकर आदिवासी- भील परिवारों के लोगों का मतांतरण कराने में लगे हुए थे। मामले की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। पांचों आरोपित छत्तीसगढ़ के जिलों के हैं और यहां पदस्थी के दौरान मतांतरण में लगे थे।
ईसाई धर्म अपनाने का देते थे प्रलोभन
हमीर सिंह भील उम्र 32 साल निवासी घूघला ने 22 दिसंबर को पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी। उसने बताया कि शिक्षक वीरेन्द्र कुमार तिर्की, शिक्षिका राजपति तिर्की और शिक्षिका अनीता भगत के अलावा पटवारी सुगनचन्द उर्फ सुगनशाह पैकरा, पादरी अमजी भील के अनुसार घूघला के अनुसूचित जाति के लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रलोभन देकर जबरन सामूहिक मतांतरण करवा रहे हैं।
नौकरी और शादी का लालच
आरोपित मतांतरण करने के एवज में गरीब आदिवासी लोगों के बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलवाने, बच्चियों की शादी, नौकरी लगवाने और धर्म परिवर्तन करने पर 25-25 हजार रुपये का प्रलोभन देकर हिंदू धर्म से ईसाई धर्म अपनाने के लिए विवश करते थे। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मप्र धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 1968 और मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 के तहत मामला कायम किया।
आरोपियों को जेल भेजा गया
बदरवास टीआई रोहित दुवे ने शिक्षक-शिक्षिकाओं, पटवारी और पादरी को गिरफ्तार कर उनके पास से मतांतरण संबंधी सामग्री जब्त की। सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है। आरोपित मतांतरण संबंधी यह मिशन पिछले पांच साल से संचालित कर रहे थे।
दो दशक से क्षेत्र में कर रहे हैं नौकरी
आरोपित सुगनशाह पैकरा पूर्व में कोलारस पदस्थ था। वह पिछले दो सालों से गुढालडांग थाना बदरवास में पटवारी के पद पर पदस्थ है। आरोपित वीरेन्द्र कुमार तिर्की ग्राम पिपरौदा में 25 वर्ष से शिक्षक के पद पर पदस्थ है। आरोपित अनीता भगत करीब 27 साल से ग्राम गुढालडांग में शिक्षिका के पद पर पदस्थ है। आरोपित राजपति बाई तिर्की करीब 24 साल से ग्राम अगरा में शिक्षिका के पद पर। पदस्थ है।
धर्म परिवर्तन नहीं किया तो ग्रामीण को मारा-पीटा
हमीर भील को लंबे समय से ईश की प्रार्थना सभाओं में बुलाया जा रहा था। उस पर धर्म परिवर्तन करने का दवाब बनाया गया। जब उसे यह समझ में नहीं आया तो उसने धर्म परिवर्तन नहीं किया। इस पर उसके साथ मारपीट भी की गई थी। इससे क्षुब्ध होकर हमीर भील द्वारा विहिप व बजरंग दल को मामले की जानकारी दी।
