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तिरंगा यात्रा से लौटे प्रभारी तहसीलदार को आया चक्कर, इलाज के दौरान मौत

बिरसिंहपुर तहसील के प्रभारी तहसीलदार केके पटेल की इलाज के दौरान मौत हो गई। तहसीलदार को रविवार की दोपहर अचेत अवस्था में बिरला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कहा जाता है कि बिरसिंहपुर में आयोजित तिरंगा यात्रा में शामिल होने के बाद तहसीलदार एक दुकान में बैठे हुए थे तभी चक्कर खाकर गिर पड़े।

तिरंगा यात्रा से लौटे प्रभारी तहसीलदार को आया चक्कर, इलाज के दौरान मौत
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सतना। बिरसिंहपुर तहसील के प्रभारी तहसीलदार केके पटेल की इलाज के दौरान मौत हो गई। तहसीलदार को रविवार की दोपहर अचेत अवस्था में बिरला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कहा जाता है कि बिरसिंहपुर में आयोजित तिरंगा यात्रा में शामिल होने के बाद तहसीलदार एक दुकान में बैठे हुए थे तभी चक्कर खाकर गिर पड़े। उन्हें स्थानीय लोगों ने इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बिरसिंहपुर पहुंचाया जहां से उन्हें सतना रेफर कर दिया गया। तहसीलदार की हालत को देखते हुए स्थानीय प्रशासन एवं परिजन बिरला अस्पताल लेकर गए जहां कुछ देर तक डॉक्टरों ने उनकी जान बचाने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। फिलहाल मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी।

तिरंगा यात्रा में हुए थे शामिल

बिरसिंहपुर नगर परिषद के द्वारा तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया था। नगर परिषद की तिरंगा यात्रा में तमाम अधिकारी कर्मचारी शामिल हुए। जिसमें प्रभारी तहसीलदार केके पटेल भी मौजूद थे। यात्रा करीब साढ़े चार बजेे प्रारंभ हुई। इसके बाद पूरे बिरसिंहपुर और सभापुर थाना तक की यात्रा करने के बाद नगर परिषद पहुंचे। इसके बाद वहां से लौटकर नीेचे आए।

दुकानदार से कहा गर्मी लग रही है और कुर्सी में बैठे अचेत हो गए

नगर परिषद कार्यालय से नीचे उतरने के बाद तहसीलदार को गर्मी का अहसास हुआ। जिसके बाद वे विजय ज्वेलर्स की दुकान में बैठ गए। उन्होंने दुकानदार से कहा गर्मी बहुत लग रही है। जिसके बाद उनके लिए कूलर चालू किया गया। कुर्सी में बैठे-बैठे वे अचेत हो गए। बताया जाता है कि छह दिन पहले ही उनकी पोस्टिंग बिरसिंहपुर में की गई थी।

अस्पताल पहुंचे कलेक्टर

बिरसिंहपुर के तहसीलदार की अचानक तबियत खराब होने के बाद उन्हें बिरसिंहपुर से बिरला अस्पताल लाया गया। यहां उनका हाल जानने के लिए कलेक्टर अनुराग वर्मा, निगमायुक्त अभिषेक गहलोत सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। चर्चा है कि यदि उन्हें प्राथमिक इलाज बिरसिंहपुर में मिला होता तो उनकी जान बच सकती थी। लेकिन वहां कोई डॉक्टर नहीं था।

Updated : 14 Aug 2023 6:22 AM GMT
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Swadesh Satna

Satna Web Desk


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