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भंडारण के दौरान साढ़े 63 हजार क्विंटल धान रिजेक्ट

भंडारण के दौरान साढ़े 63 हजार क्विंटल धान रिजेक्ट
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गोदाम पहुंचकर कैसे गिरी धान की गुणवत्ता?

किसानों के भुगतान में फंसी पेंच

आंकड़ों 31 हजार क्विंटल का परिवहन होना शेष मगर केन्द्रों में एक दाना उपलब्ध नहीं

सतना। किसानों की आय बढ़ाने के दावों के बीच उनकी परेशानियों का अनसुना करने की परंपरा बच चुकी है। समर्थन मूल्य पर अनाज बेचने वाला अन्नदाता हर स्तर पर मार झेलने के बाद ही अपनी उपज का मूल्य प्राप्त कर पा रहा है। किसानों ने महीनों पहले धान बेची और अब उन्हें इस बात की जानकारी मिल रही है कि उनकी धान का रिजेक्शन हो चुका है। ऐसे में सबसे बड़ा प्रश्र यही है कि जो धान केन्द्र में की गई जांच के दौरान गुणवत्तापूर्ण थी वह धान भंडार केन्द्र तक पहुंचने में रिजेक्ट कैसे हो गई? क्या उपार्जन के दौरान चंद रुपयों की लालच में समितियों ने घटिया धान खरीद ली या फिर किसानों के नाम पर समिति प्रबंधकों ने घटिया धान जमा कर अपना अंतर पूरा करने की कोशिश की? हकीकत चाहे जो भी हो, लेकिन खरीदी और रिजेक्शन के इस खेल में फजीहत केवल किसानों की है। फिलहाल अब हर कोई अपनी गर्दन बचाने के लिए धान का रिजेक्शन कर रहा है, ऐसे में किसानों का लगभग 13 करोड़ 90 लाख का भुगतान फंस चुका है। इसके लिए समिति जिम्मेदार या फिर गुणवत्ता की जांच करने वाली एजेंसी लेकिन किसान पर मार पड़ रही है। विभागीय आंकड़ों की माने तो जिले में लगभग 63685.2 क्विंटल धान रिजेक्ट हो चुकी है। इसके अलावा उपार्जन समितियों ने अभी तक 31623.50 क्विंटल धान का परिवहन नहीं किया है। इसलिए भी किसानों के भुगतान में पेंच फंसी हुई है।

परिवहन न होने का आंकड़ा भी सवालों में

विभाग के मुताबिक अभी उपार्जन केन्द्रों पर परिहवन के लिए 31623.50 क्विंटल धान पड़ी है। जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक के द्वारा बनाई गई सूची के मुताबिक 3 फरवरी 2024 की स्थिति तक परिवहन नहीं हो पाया था। यह स्थिति अमरपाटन, बिरसिंहपुर, कोठी, मैहर, नागौद, रामनगर, रामपुर बाघेलान, सिंहपुर और उचेहरा शाखा से सामने आई है। इन शाखाओं को पत्र जारी कर जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया है। पत्र क्रमांक 2361 के माध्यम से सभी को जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन यहां परिवहन का आंकड़ा भी सवालों में घिरा हुआ है। जिन समितियों के नाम पर परिवहन नहीं होने की बात कही जा रही है वहां के केन्द्रों में धान उपलब्ध भी नहीं है। जानकारों की माने तो समितियों ने एडवांस फीडिंग की है, जिससे परिवहन की आड़ लेकर उनका बचाव किया जा रहा है।

इन समितियों की धान हुई रिजेक्ट

सेवा सहकारी समिति अमरपाटन रामगढ़ 8636, सेवा सहकारी समिति ओबरा 3486, सेवा सहकारी समिति प्रतापपुर जय गैवीनाथ एग्रो 1354, हरिहरपुर 1375, सेवा सहकारी समिति बैरहना एसएस वेयर हाउस झाली 236, डांडीटोला कुआं केन्द्र 4047, लटागांव मां शारदा समिति 4650, आमातारा मां शारदा भदनपुर1428, जरियारी 5375, लटागांव द्वितीय 2980, बदेरा पारस वेयर हाउस 1880, मगरौरा 1362, झुकेही नर्मदा हाउस 1352, झुकेही द्वितीय 1352, सेवा समिति कोटा एबी हाउस 1312, सेमरी वैभव लक्ष्मी एसोसिएट 1392, सिजहटा माधव वेयर हाउस 4151, जनार्दनपुर द्वितीय 2576, मनकहरी माधव वेयर हाउस 2768, जमुना वेयर हाउस 2867, जमुना द्वितीय 104, जर्नादनपुर 1288, रामपुर बाघेलान 1314, रौंड अग्रवाल वेयर हाउस 4840, कुलगढ़ी द्वितीय केन्द्र 1080, पतौरा द्वितीय केन्द्र बिहटा वेयर हाउस 1080 की धान रिजेक्ट की गई है।

फैक्ट

रिजेक्टेड धान

63685.2 क्विंटल

परिवहन के लिए शेष

31623.50 क्विंटल

भुगतान के लिए शेष

103055.68 क्विंटल

ब्रांच वार स्थिति

रिजेक्ट- परिवहन शेष- भुगतान शेष

उचेहरा- 1556.8- 1277-2027

सिंहपुर- 4840- 1501.80-4788.20

रामपुर बाघे-15069.2- 2.80-2751

रामनगर- 0- 8429.60- 37588

नागौद- 2704-8813-30997

मैहर- 20380.4-1345.60- 8624.28

अमरपाटन- 12122-10220.30-13254.50

बिरसिंहपुर-2728-32.80-2786.01

कोठी- 4283.61-0.00-236.30

Updated : 6 Feb 2024 5:00 PM GMT
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Swadesh Satna

Satna Web Desk


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