मुंशी को गोली मारने वाले सिरफिरे पर 30 हजार का इनाम घोषित: गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रहे 40 से अधिक पुलिसकर्मी

गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रहे 40 से अधिक पुलिसकर्मी
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सतना: जैतवारा थाना में पदस्थ मुंशी को बैरक के अंदर गोली मारने वाले सिरफिरे आरोपी पर रीवा रेंज के आईजी ने 30 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है।

सतना। जैतवारा थाना में पदस्थ मुंशी को बैरक के अंदर गोली मारने वाले सिरफिरे आरोपी पर रीवा रेंज के आईजी ने 30 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है। इसके अलावा अपराधी की गिरफ्तारी के लिए लगभग 40 पुलिसकर्मी मैदान में उतर चुके हैं। अब तक पुलिस ने आरोपी के गांव मेहुती सहित रिश्तेदारों के यहां दबिश दी है हालांकि देर रात तक गिरफ्तारी में सफलता नहीं मिल सकी। उधर सिरफिरे की गोली से घायल हुए मुंशी का गंभीर अवस्था में इलाज रीवा मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। घायल मुंशी प्रिंस गर्ग को खाना खाते समय आरोपी ने गोली मारी थी। इस मामले में जैतवारा थाना पुलिस ने आरोपी आदर्श उर्फ अच्छू पिता विवेक शर्मा के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है। फिलहाल इस घटना के बाद जिले की कानून व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं क्योंकि जब पुलिसकर्मी खुद सुरक्षित नहीं रहेंगे तो वह आमजन की सुरक्षा कैसे करेंगे?

फिल्मी था हमले का तरीका

पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपी मुंशी का ताक में पहले से था। हालांकि किसी को इस बात का अंदेशा नहीं था। आरोपी एक हाथ में देसी कट्टा और दूसरे में मोबाइल लिए थाना परिसर में प्रवेश किया। वहीं चेहरे पर नकाब डाल कर आया था । थाने में बने बैरक में दस्तक दी जैसे ही गर्ग ने कमरे के बाहर देखा उसने बिना कोई चेतावनी दिए गोली दाग दी। गोली गर्ग के कंधे में लगी और हमलावर मौके से फरार हो गया। गोली लगते ही थाना परिसर में अफरा-तफरी मच गई। प्रिंस गर्ग को तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक इलाज के बाद मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।


क्या थी हमले की वजह

प्रधान आरक्षक प्रिंस गर्ग ने पुलिस अधिकारियों को संदेह व्यक्त करते हुए बताया कि हमला करने वाला युवक मेहुती निवासी आदर्श उर्फ अच्छू पिता विवेक शर्मा है। आरोपी की पहचान के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उस पर 30,000 का इनाम घोषित कर दिया है। बताया जा रहा है कि आरोपी अच्छू की गाड़ी एक दिन पहले थाने में खड़ी करवाई गई थी, जिससे वह नाराज था। संभवत: इसी रंजिश में उसने हमला किया हालांकि पुलिस अभी अभी इस बिंदु की जांच कर रही कि हमले की मुख्य वजह क्या थी।


पड़ोसी जिलों के भी तलाश

घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता स्वयं जिला अस्पताल पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ली। इसके बाद एक विशेष जांच टीम गठित की गई है, जिसमें 40 पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया है। यह टीम सतना, रीवा, पन्ना और चित्रकूट जिलों के मुख्य स्थानों के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। पुलिस की कई टीमें अलग-अलग दिशा में रवाना की गई हैं ताकि आरोपी को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके।

थाने के अंदर हमले से हड़कंप

थाने के भीतर इस तरह का हमला पुलिस व्यवस्था की गंभीर चूक को उजागर करता है। यह घटना न केवल पुलिस प्रशासन के लिए चिंता का विषय है, बल्कि पूरे जिले की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है। विशेषज्ञ इसे सतना में अब तक की सबसे बड़ी सुरक्षा चूक बताते है और पूरे मामले की गंभीरता से जांच के निर्देश दिए हैं।

पुलिस पर पहले भी हो चुके हैं हमले

जैतवारा थाने की यह घटना कोई नई या अकेली नहीं है। इससे पहले भी सतना और आसपास के इलाकों में पुलिसकर्मियों पर कई बार जानलेवा हमले हो चुके हैं, जो दर्शाते हैं कि अपराधियों के हौसले कितने बुलंद हो चुके हैं और कानून-व्यवस्था कितनी कमजोर होती जा रही है।

मऊगंज हिंसा में शहीद हुए एएसआई रामचरण गौतम

सतना जिले के ही पवैया गांव के रहने वाले एएसआई रामचरण गौतम मऊगंज हिंसा के दौरान ड्यूटी पर तैनात थे, जब उन पर भीड़ ने हमला कर दिया था। गंभीर चोटों के कारण उनकी मौत हो गई थी। यह घटना पुलिस बल की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा करती है।

कोलगवां थाने में पुलिस कर्मियों पर हमला

जुलाई 2019 में कोलगवां थाना क्षेत्र में भी पुलिसकर्मियों पर हमला हुआ था। इस हमले में न केवल पुलिसकर्मियों से मारपीट की गई, बल्कि उनकी राइफल और वॉकी-टॉकी भी छीन ली गई थी। यह दर्शाता है कि अपराधी अब हथियारों पर भी हाथ डालने से नहीं डरते।

चित्रकूट में पुलिसकर्मी को चप्पल से पीटा गया

जनवरी 2023 चित्रकूट में एक और शर्मनाक घटना सामने आई थी जब नगर परिषद के अध्यक्ष द्वारा खुलेआम एक पुलिसकर्मी को चप्पल से पीटा गया। यह घटना कानून की धज्जियां उड़ाने का उदाहरण थी और दिखाता है कि सत्ता या प्रभावशाली लोग भी कानून को हल्के में ले रहे हैं।

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