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यह दो गर्भगृह वाला अनोखा मंदिर है, बारसूर का बत्तीसा मंदिर

यह दो गर्भगृह वाला अनोखा मंदिर है, बारसूर का बत्तीसा मंदिर
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दंतेवाड़ा। पौराणिक काल के समय से बस्तर प्राचीन राजवंशों की राज्य स्थली भी रहा है और यहां अपनी-अपनी श्रद्धा से राजवंशों ने अध्यात्म के लिए मंदिरों का निर्माण भी कराया था। ऐसे ही एक पौराणिक नगर बारसूर में एक मंदिर ऐसा है, जहां दो गर्भगृह विद्यमान हैं और वहां दोनों स्थानों पर पूजा अर्चना होती है। बारसूर में बत्तीसा मंदिर के नाम से पुकारे जाने वाले इस मंदिर में बत्तीस स्तंभ है और गर्भगृह मेें दो जलहरियां बनाई गई है, जो चारों दिशाओं में घूमती हैं, इसीलिए यह मंदिर आज अपने अनोखे आकर्षण के लिए प्रसिद्ध है।

दक्षिण बस्तर की इस ऐतिहासिक धरोहर बारसूर नगरी में यह मंदिर जहां पर्यटकों को आकर्षित करता है वहीं अध्यात्म का संदेश भी देता है। प्राचीन नागवंशीय शासकों के समय में इस मंदिर का निर्माण हुआ था इस मंदिर की यह विशेषता है कि मंदिर में दो गर्भगृह है और दोनों गर्भगृह त्रिरथ शैली में बनाए गये हैं इन दोनों शिवालयों को सोमेश्वर महादेव तथा गंगाधीश्वर महादेव के नाम से बुलाया जाता है। प्राचीन इतिहास का बताते हैं कि संभवत: 1208 ई. में नागवंशी राजा ने इस मंदिर का निर्माण कराया था उन्हीं शासकों के नाम से दोनों शिवालयों का नाम करण हुआ था। इस मंदिर में स्थापित की गई नंदी की मुर्ति पर उस समय के शिल्पकारों द्वारा महिन शिल्पकारी देखते ही बनती है और काल के प्रभाव से इस मुर्ति का आकर्षण अभी भी बना हुआ है। मंदिर को संरक्षित करने के लिए उपाय किए गए है और इतिहास की इस धरोहर को सुरक्षित रखने के लिए इस मंदिर को पुरातत्व विभाग ने रिसेटिंग की व्यवस्था कर इसे सुरक्षित रखने का उपाय किया है।

Updated : 21 Aug 2018 2:14 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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