Home > धर्म > नवरात्रि का चौथा दिन : मां कुष्मांडा को कुम्हड़े की बलि पसंद है

नवरात्रि का चौथा दिन : मां कुष्मांडा को कुम्हड़े की बलि पसंद है

मां कुष्मांडा का मंत्र- ऊं कुष्माण्डायै नम:

नवरात्रि का चौथा दिन : मां कुष्मांडा को कुम्हड़े की बलि पसंद है
X

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा-आराधना की जाती है। अपनी मंद, हल्की हंसी द्वारा अंड अर्थात ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इन्हें कुष्मांडा देवी के रूप में पूजा जाता है। संस्कृत भाषा में कूष्मांडा को कुम्हेड़ा कहते हैं। बलियों में कुम्हड़े की बलि इन्हें सर्वाधिक प्रिय है। इस कारण से भी मां कुष्माण्डा (कुष्मांडा) कहलाती हैं। देवी कुष्मांडा योग-ध्यान की देवी भी हैं।

देवी का यह स्वरूप अन्नपूर्णा का भी है। उदराग्नि को शांत करती हैं। इसलिए, देवी का मानसिक जाप करें। देवी कवच को पांच बार पढऩा चाहिए। मां कुष्मांडा को इस निवेदन के साथ जल पुष्प अर्पित करें कि, उनके आशीर्वाद से आपका और आपके स्वजनों का स्वास्थ्य अच्छा रहे। देवी को पूरे मन से फूल, धूप, गंध, भोग चढ़ाएं। माता कुष्मांडा के दिव्य रूप को मालपुए और फलों का भोग लगाकर किसी भी दुर्गा मंदिर में ब्राह्मणों को इसका प्रसाद देना चाहिए। इससे माता की कृपा स्वरूप उनके भक्तों को ज्ञान की प्राप्ति होती है, बुद्धि और कौशल का विकास होता है। और इस अपूर्व दान से हर प्रकार का विघ्न दूर हो जाता है।

Updated : 25 March 2023 6:09 AM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh News

Swadesh Digital contributor help bring you the latest article around you


Next Story
Top