शारदीय नवरात्र में हाथी पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा, जानिए कलश स्थापना का मुहुर्त

वेबडेस्क। शक्ति की उपासना का पावन पर्व शारदीय नवरात्र इस वर्ष 26 सितंबर से प्रारंभ हो रहे हैं। इस बार शारदीय नवरात्रि पर घटस्थापना के दिन बेहद ही शुभ और दुर्लभ योग बन रहा है। अश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्र शुरू होकर 5 अक्तूबर को दशहरा पर्व पर सम्पन्न होगा।
ज्योतिषशास्त्री के अनुसार नवरात्र के पहले दिन शुक्ल व ब्रह्म योग का अद्भुत संयोग बेहद खास माना जा रहा है। इस साल नवरात्र पर मां भगवती स्वर्गलोक से हाथी की सवारी पर पृथ्वी पर आगमन करेंगी। हाथी पर सवार होकर मां भगवती का आगमन होना बेहद शुभकारी बताया गया है। उन्होंने बताया कि घटस्थापना के लिए मुहूर्त प्रातः 06.11 से प्रातः 07.51 मिनट तक तथा अभिजीत मुहूर्त सुबह 11.54 से दोपहर 12.42 तक करना श्रेष्ठ होगा। उन्होंने कहाकि नवरात्र पूजा में श्रद्धा का विशेष महत्व बताया गया है। बिना श्रद्धा के किया गया कर्म निष्फल होता है।
गज पर सवार होकर आएंगी -
शक्ति आराधना के लिए नवरात्र पर्व का विशेष महत्व होता है। एक वर्ष में चार नवरात्र का पर्व आते हैं जिसमें से चैत्र और शारदीय नवरात्र का खास महत्व होता है। जबकि दो नवरात्र गुप्त नवरात्र माने जाते हैं। नवरात्र के पहले दिन घट स्थापना के साथ शक्ति की उपासना का पर्व नवरात्र आरम्भ होता है। इस बार शारदीय नवरात्रि पूरे 9 दिनों के रहेेंगे। 5 अक्तूबर को दशहरा पर्व के साथ नवरात्र सम्पन्न होंगे। इस साल मां भगवती इस बार स्वर्गलोक से गज (हाथी) की सवारी करते हुए पूरे नौ दिनों तक अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान कर उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करेंगी।शक्ति की उपासना का पावन पर्व शारदीय नवरात्र इस वर्ष 26 सितंबर से प्रारंभ हो रहे हैं। इस बार शारदीय नवरात्रि पर घटस्थापना के दिन बेहद ही शुभ और दुर्लभ योग बन रहा है। अश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्र शुरू होकर 5 अक्तूबर को दशहरा पर्व पर सम्पन्न होगा।
