Home > धर्म > जीवन-मंत्र > चांदी के चमकते कंगन की तरह दिखाई दिया सूर्य ग्रहण

चांदी के चमकते कंगन की तरह दिखाई दिया सूर्य ग्रहण

1962 के बाद वक्री शनि के साथ मिथुन राशि में सूर्य बुध राहु और चंद्रमा के मेल में घटित होगा सूर्य ग्रहण

चांदी के चमकते कंगन की तरह दिखाई दिया सूर्य ग्रहण
X

ग्वालियर। 21 जून आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि दिन रविवार मृगशिरा नक्षत्र मिथुन राशि में सूर्य ग्रहण पूरे देश में दिखाई दिया कुछ स्थानों पर सूर्य की आकृति कंकण कृति दिखाई पड़ेगी इसके चलते ऐसे कंकणकृति खंडग्रास सूर्यग्रहण कहा जाएगा वहीं रविवार के दिन सूर्य ग्रहण घटित होने से इसे चूड़ामणि ग्रहण की संज्ञा भी दी गई है ज्योतिषाचार्य पंडित सतीश सोनी के अनुसार सूर्य चंद्र के लगभग समान है पृथ्वी से सूर्य और चंद्र की दूरी व समीपता घटती बढ़ती रहती है जिससे हमें इनके बिंब छोटे बड़े होते दिखते हैं जब सूर्य ग्रहण के समय चंद्र बिंब सूर्य बिंब के बराबर होता है तब सूर्य का पूर्ण ग्रहण लगता है जब वह सूर्य बिंब से कुछ बड़ा होता है तब सूर्य खग्रास ग्रहण और जब वह सूर्य बिंब से कुछ छोटा होता है तब सूर्य ग्रहण कंगना कृति होता है उस समय चंद्र बिंब सूर्य बिंब को इस प्रकार ढकता है कि सूर्य बिंब के लगभग मध्य में चंद्र बिंब समाविष्ट होता है जिससे उस समय सूर्य बिंब का अनाच्छा दित बाहरी भाग चांदी के चमकते कंकण कंगन की तरह दिखाई देने लगता है इसलिए इस ग्रहण को कंकण कृति कहा जाता है

-सूर्य ग्रहण 21 जून 2020 को रविवार के दिन घटित हो रहा है इसलिए इसे चूड़ामणि सूर्यग्रहण की संज्ञा भी दी गई है ग्रहण में स्नान दान जप आदि का शास्त्रों में बहुत अधिक महत्व माना गया है ग्रहण के दिन श्रद्धालु किसी भी नदी तालाब या धार्मिक स्थलों पर जाकर स्नान दान व जप करके पूर्ण लाभ प्राप्त कर सकते हैं

- ग्रहण का सूतक 20 जून 2020को रात्रि 10:00 बजे पर प्रारंभ होगा

- भारतीय समय अनुसार सूर्य ग्रहण सुबह 9:16 से प्रारंभ होकर दोपहर 3:04 तक रहेगा ग्वालियर संभाग में सूर्य ग्रहण सुबह 10:00 से दोपहर 2:30 तक देखा जाएगा तथा आंचल में सूर्य ग्रहण 10:00 बजे से प्रारंभ होगा जिसका मध्य में दोपहर 2:02 मिनट पर तथा मोक्ष समाप्ति 1:50 बजे पर सूर्य ग्रहण की होगी

- पूरे देश में कुल ग्रहण की अवधि 5 घंटे 48 मिनट 3 सेकंड तक रहेगी परम ग्रास ग्रहण 99% अर्थात कुछ जगह पर सूर्य पूरी तरह से छिप जाएगा

- सूर्य ग्रहण वैज्ञानिकों के लिए शोध का विषय और आम आदमी के लिए कौतूहल का विषय भी मानेगा इसे नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए

- ज्योतिषाचार्य सोनी के अनुसार सूर्य ग्रहण मिथुन राशि में घटित होगा इस समय मिथुन राशि में सूर्य चंद्र बुध राहु एक साथ स्थित मिथुन राशि में रहेंगे इस समय मकर में नीचे गुरु के साथ वक्री शनि का संबंध भी होगा अतः प्रतिष्ठित व्यक्तियों सेन अधिकारियों के लिए समय भयावह है उत्तर कोरिया अमेरिका में आपसी संघर्ष की संभावना पाकिस्तान में आंतरिक अशांति देश के विघटन का कारण बनेंगे चीन जापान इंडोनेशिया पाकिस्तान के विशेष भाग में प्राकृतिक आपदा से जन-धन हानि संभव रहेगी इंसानियत भूल चुके देशों की शामत भी आएगी

- इस ग्रहण के चलते प्राकृतिक आपदा आने के भी योग बन रहे हैं सूर्य ग्रहण होने से उच्च पद पर स्थित महिलाएं राजा मंत्री कला क्षेत्र में काम करने वाले वरिष्ठ लोगों को कष्ट दाई समय देखने को मिलेगा वही मृगशिरा नक्षत्र के स्वामी मंगल है मकर राशि में स्थित वक्री शनि की पूर्ण तृतीय दृष्टि मीन राशि में स्थित मंगल पढ़ रही है मंगल की सूर्य पर दृष्टि और शनि गुरु की युति ग्रहों की स्थिति बड़े भूकंप का कारण भी बन सकती है तथा अचानक प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ किसी वरिष्ठ राजनीतिक नेता की रहस्यमई हत्या और मृत्यु का समाचार भी प्राप्त हो सकता है

सूर्य ग्रहण का राशियों पर प्रभाव

मेष सिंह कन्या मकर मीन राशियों के लिए श्रेष्ठ वही वृषभ तुला धनु राशि वालों के लिए मध्य और मिथुन कर्क वृश्चिक और कुंभ राशि वालों के लिए नकारात्मक कारक रहेगा

जिन विदुषी महिलाओं के उदर में शिशु पल रहे हैं उन्हें तीक्ष्ण धारदार चाकू छुरी सुई धागा फल सब्जी इत्यादि ग्रहण के समय नहीं काटना चाहिए तथा साड़ी के पल्लू को गेरू से रंग कर बैठना चाहिए संभव हो सके तो साड़ी के पल्ले की झोली में फल या मेवा लेकर बैठना चाहिए ग्रहण समाप्ति पर झोली का सामान सफाई कर्मचारियों को दान दे देना चाहिए

- ग्रहण के समय भजन कीर्तन जब स्वाध्याय करना चाहिए

- 21 जून रविवार ग्रहण का सूतक काल होने से प्रातः काल में मंदिरों में देव दर्शन नहीं हो सकेंगे मंदिरों में दर्शन ग्रहण समाप्ति के बाद शाम को ही हो पाएंगे

Updated : 21 Jun 2020 8:48 AM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top