सोने के हिंडोले में विराजे ठाकुर बांकेबिहारी, बराबर में सजाई जाती है सुख सेज, जानिए इसका मतलब क्या है ?
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मथुरा/वेब डेस्क। हरियाली तीज पर्व के मौके पर वृंदावन स्थित ठाकुर बांकेबिहारी ने स्वर्ण हिंडोले में विराजमान होकर अपने भक्तों को दर्शन दिए। इस अलौकिक दृश्य को निहारने के लिए देश और विदेशों से श्रद्धालु वृंदावन पहुंचे।
इससे पहले मंदिर के सेवायत गोस्वामी द्वारा अपने लाडले ठाकुर को झूला झुलाने के लिए तैयारियों को अंतिम रूप देते हुए स्वर्ण रजत से निर्मित हिंडोला एवं उसके समीप सुसज्जित सखियों को स्थापित किया गया। ये बात कम ही लोग जानते है कि हिंडोले के पृष्ठभाग में सुख सेज भी सजाई जाती है। जिसमें ठाकुरजी की सेवा में दर्पण, कंघी, इत्र, पुष्पहार व अन्य श्रृंगार सामग्री भी रखी जाती है। इस सुख सेज के बारे में प्राचीन मान्यता है कि हिंडोले में अधिक समय तक विराजमान होने के कारण ठाकुर बांकेबिहारी को होने वाली थकावट को दूर करने के लिए सेवायत गोस्वामी उन्हें इसी सुख सेज पर लाकर चरण सेवा करते हैं और इसके बाद ही ठाकुरजी को गर्भगृह में प्रवेश कराया जाता है।
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