Sawan 2025: महामृत्युंजय मंत्र में छिपा है हर समस्या का हल, सावन में 108 बार जाप करने के फायदे

महामृत्युंजय मंत्र में छिपा है हर समस्या का हल, सावन में 108 बार जाप करने के फायदे
X
नियम पूर्वक भगवान शिव की पूजा करने के साथ ही महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना भी काफी शुभ माना जाता हैं।

Mahamityunjaya Mantra: सावन का महीना चल रहा है इस महीने मैं भगवान शिव की आराधना हर भक्त बड़े ही भक्ति भाव से करते है। नियम पूर्वक भगवान शिव की पूजा करने के साथ ही महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना भी काफी शुभ माना जाता हैं। कहते हैं कि भगवान शिव इस मंत्र का जाप करने से प्रसन्न होते हैं और कृपा बरसाते हैं। चलिए जान लेते हैं मंत्र जाप करने के नियम और इसके फायदे।

पहले जानिए महामृत्युंजय मंत्र का असली अर्थ

यहां पर महामृत्युंजय मंत्र का असली अर्थ समझें तो, शिव पुराण में इसके बारे में बताया गया है। यह मंत्र भगवान शिव को समर्पित है और इसे “मृत्युंजय” या “त्र्यंबक” मंत्र के नाम से भी जाना जाता है। महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से भय, रोग, दुख, और अकाल मृत्यु जैसी समस्याओं से मुक्ति मिलती है। कहा जाता है कि सावन के महीने में, 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है, रोगों से छुटकारा मिलता है, जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

वहीं पर इस मंत्र को लेकर कहा जाता हैं कि, इस मंत्र को भगवान शिव को प्रसन्न करने वाला माना जाता है और इसका नियमित रूप से जाप करने से नकारात्मकता दूर होती है।

जानिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने के फायदे

आपको बताते चलें कि अगर आप नियम पूर्वक महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हैं तो आपको कई प्रकार के फायदे मिलते हैं...

1- इस मंत्र का जाप करने से आपके कई गंभीर रोगों से मुक्ति मिलती है।

2- इस मंत्र का जाप निरंतर करने से किसी प्रकार का डर,या अकाल मृत्यु का डर भी दूर होता है।

3- यह मंत्र जीवन में सफलता, समृद्धि और खुशहाली लाने में भी लाता है।

4- इस मंत्र का जाप करने से नवग्रहों के दोष दूर होते हैं।

5- नियम के साथ इस मंत्र का जाप करने से इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है।

जानिए कैसे करें इस मंत्र का जाप

आपको बताते चलें, आप महामृत्युंजय मंत्र का जाप नियम के साथ करते हैं तो इसके फल मिलते हैं। महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने के लिए सबसे पहले एक पवित्र स्थान का चयन करें और वहां बैठकर जप करें. फिर पूर्व दिशा की ओर मुंह करके जाप करना चाहिए। इसके साथ ही आप रुद्राक्ष की माला का जाप भी निरंतर कर सकते हैं।

Tags

Next Story