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कैलादेवी मंदिर में आज से शुरू हुआ लक्खी मेला, 2 साल से कोरोना के कारण लगी थी रोक

कैलादेवी मंदिर में आज से शुरू हुआ लक्खी मेला, 2 साल से कोरोना के कारण लगी थी रोक
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करौली। राजस्थान के करौली में स्थित कैलादेवी मंदिर में मंगलवार से लक्खी मेला शुरू हो गया। कोरोना के चलते दो साल से नहीं भर सके मेले में इस बार श्रद्धालुओं के साथ व्यापारियों और नगरवासियों का उत्साह भी देखते ही बन रहा है। 17 अप्रेल तक चलने वाले इस मेले में लाखों श्रद्धालुओं के यहां पहुंचने की उम्मीद है।


बीस दिन तक चलने वाले इस लक्खी मेले में राजस्थान के विभिन्न शहरों से तो श्रद्धालु पहुंचते ही हैं, वहीं मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालु पदयात्रा करते हुए पहुंचते हैं। अभी यहां की सड़कें पदयात्रियों से पटी नजर आ रही हैं। डीजे की धुन पर नाचते गाते आ रहे श्रद्धालुओं का उल्लास, लांगुरिया गीतों पर नाचते युवक और युवतियों के जत्थे, कोरोना के कष्टदायी काल से निजात के उल्लास को भी बयां कर रहे हैं। तेज धूप में भी उनका उत्साह बरकरार है।

जगह-जगह शुरू हुए भंडारे -


बाहर से कैलादेवी आने वाले पदयात्रियों के लिए भामाशाह, समाजसेवी और विभिन्न संगठनों की ओर से जगह-जगह पर भंडारे लगाए गए हैं। श्रद्धालुओं के लिए भोजन की व्यवस्था के साथ ठहरने और स्नान-ध्यान का भी इंतजाम है। जगह-जगह पर चिकित्सकों की टीमें तैनात की गई हैं। रोडवेज प्रशासन की तरफ से भी 300 से अधिक मेला स्पेशल बसें चलाई जा रही हैं।

सुरक्षा का इंतजाम चौकस -

मन्दिर ट्रस्ट ने सीसीटीवी कैमरे, पेयजल की व्यवस्था के साथ शौचालयों का निर्माण भी कराया है। पुलिस प्रशासन की ओर से भी सुरक्षा व्यवस्था के लिए कैलादेवी मेला परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाये गए हैं और हजारों की संख्या में पुलिस कर्मी नियुक्त किए गए हैं। अतिरिक्त आरएसी के जवानों को भी ड्यूटी पर लगाया गया है। पांचना एवं कालीसिल पर गोताखोरों की नियुक्ति कर दी गई है। मेले के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मन्दिर परिसर में नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है।

सुबह 4 बजे रात 10 बजे तक होंगे दर्शन -

मंदिर ट्रस्ट के अनुसार भक्त सुबह 4 बजे से रात्रि 10 बजे तक मां के दर्शन कर सकते हैं। बड़ी धर्मशाला में रहने की निशुल्क व्यवस्था के साथ ही जगह-जगह निशुल्क भंडारे लगाए गए हैं।

Updated : 2 April 2022 8:27 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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