Operation Sindoor: पाक आर्मी और चीन की पीएल-15 मिसाइल पर एयर मार्शल ए.के. भारती ने क्या कहा?

Air Marshal AK Bharti
Air Marshal AK Bharti on Pak Army and China PL-15 Missile : नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की सहमति बनने के बाद और दोनों देशों के DGMO की मीटिंग से पहले रक्षा मंत्रालय ने सोमवार 12 मई को पत्रकार वार्ता की। इस दौरान डीजी एयर ऑपरेशन एयर मार्शल ए.के. भारती ने पाक आर्मी और चीन की पीएल-15 मिसाइल को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा कि, हमारी लड़ाई आतंकवादियों और उनके सहायक ढांचे से है, न कि पाकिस्तानी सेना से। वहीं पीएल-15 मिसाइल अपने लक्ष्य से चूक गई और आप इसके टुकड़े देख सकते हैं जो हमारे पास उपलब्ध हैं।
पाकिस्तानी सेना पर यह बोले भारती
एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा, "हमने यह भी दोहराया कि हमारी लड़ाई आतंकवादियों और उनके सहायक ढांचे से है, न कि पाकिस्तानी सेना से। हालांकि, यह दुख की बात है कि पाकिस्तानी सेना ने हस्तक्षेप कर आतंकवादियों का पक्ष लिया, जिसके कारण हमें उसी तरह जवाब देने के लिए बाध्य होना पड़ा।"
पीएल-15 मिसाइल के हो गए टुकड़े
डीजी एयर ऑपरेशन एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा, पिछले सप्ताह दुश्मन के खतरे वाले क्षेत्रों का सामना करने में प्राप्त कुछ परिणाम अब स्क्रीन पर दिखाए जा रहे हैं। पीएल-15 मिसाइल, जो चीनी मूल की है; यह मिसाइल अपने लक्ष्य से चूक गई और आप इसके टुकड़े देख सकते हैं जो हमारे पास उपलब्ध हैं।
एक और हथियार जो मिला है वह लंबी दूरी के रॉकेट हैं। हमने लोइटर युद्ध सामग्री और मानव रहित हवाई प्रणालियों के बारे में बात की है। इन सभी को हमारे प्रशिक्षित चालक दल और वायु रक्षा प्रणाली द्वारा नीचे लाया गया है। भारत द्वारा मार गिराए गए तुर्की मूल के YIHA और सोंगर ड्रोन के मलबे को भी दिखाया गया है
हमारे युद्ध-सिद्ध सिस्टम समय की कसौटी पर खरे उतरे
एयर मार्शल ए.के. भारती ने आगे कहा कि, हमारे युद्ध-सिद्ध सिस्टम समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं और उनका डटकर मुकाबला करते हैं। एक और खास बात स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली, आकाश प्रणाली का शानदार प्रदर्शन रहा है। शक्तिशाली AD वातावरण को एक साथ रखना और उसका संचालन करना पिछले दशक में भारत सरकार से मिले बजटीय और नीतिगत समर्थन के कारण ही संभव हो पाया है।"
एयर मार्शल ए.के. भारती आगे कहा कि, पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले ड्रोन और मानव रहित लड़ाकू हवाई वाहनों की कई लहरों को भी स्वदेशी रूप से विकसित सॉफ्ट और हार्ड किल काउंटर-यूएएस सिस्टम और अच्छी तरह से प्रशिक्षित भारतीय वायु रक्षा कर्मियों द्वारा विफल कर दिया गया।"
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