बेखौफ होकर आतंकी से निहत्था भिड़ने वाला अहमद कौन? भाई से क्यों कहे थे मरने वाले शब्द

बेखौफ होकर आतंकी से निहत्था भिड़ने वाला अहमद कौन? भाई से क्यों कहे थे मरने वाले शब्द
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ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में रविवार के दिन दिल दहलाने वाली वारदात हुई। बॉन्डी बीच पर जश्न मना रहे लोगों पर आतंकियों ने हमला किया। हमले के बीच 44 साल के शख्स ने अपनी जान परवाह किए बिना लोगों की जान बचाई।

नई दिल्लीः ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े शहर सिडनी में रविवार के दिन भयावह आतंकी हमला हुआ। बॉन्डी बीच पर जश्न मना रहे लोगों पर बिना दया दिखाए दो आतंकियों ने हमला किया। दनादन फायरिंग से 16 लोगों की मौत हो गई। इस बीच लोगों की मौत का आंकड़ा और न बढ़े इसलिए एक शख्स ने हिम्मत दिखाई। उसके साहस की लोग प्रशंसा कर रहे हैं।

यह शख्स 44 साल के अहमद अल अहमद हैं। उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की जान बचाई। अहमद अधांधुध फायरिंग कर रहे आतंकी से बिना डरे निहत्थे भिड़ गए। अहमद ने हिम्मत दिखाते हुए कार के पीछे निकला और आतंकी पर छपट्टा मारा।

एक झटके में आतंकी से छीन ली बंदूक

जब तक आतंकी कुछ समझ आता उससे पहले ही अहमद ने छपट्टा मारकर बंदूक छीन ली, उनके साहस के चलते सुरक्षित निकलने का मौका मिल गया। हालांकि लोगों को बचाने दौरान उनको खुद दो गोलियां लगी है। इस हमले में आतंकी समेत 16 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, अहमद के साहस से कई लोग जान बचा पाए। इसके बाद लोग उन्हें ऑस्ट्रेलिया का नया हीरो कह रहे हैं।

भाई से क्यों कहे मरने वाले शब्द

जब अहमद लोगों को बचाने जाने लगे तो भाई ने रोकने का प्रयास किया था। इस पर अहमद ने कहा था कि अगर मुझे कुछ हो गया तो घर में कहना कि मैं जान बचाते हुए मारा गया। आतंकी से भिड़ते समय दो गोली लगने से घायल हो गए वह फिलहाल अस्पताल में इलाज करा रहे हैं।

घटनास्थल पर क्यों थे मौजूद

दरअसल, अहमद अल अहमद बॉन्डी बीच पर अपने कजिन ब्रदर के साथ जोयाज अलकंज के साथ हनुक्का फेस्टिवल में पहुंचे थे। दोनों भाई कॉफी पीने निकले तो ताबड़तोड़ गोली की आवाजें सुनी। अहमद की नजर दो लोगों पर पड़ी जो भीड़ पर दनादन फायरिंग कर रहे थे। जान बचाने के लिए लोग चीखते-चिल्लाते भाग रहे थे। अफरा-तफरी का माहौल देखकर दोनों भाई कार के पीछे छिप गए।

जहां अहमद का भाई जोजाय डर रहे थे। तब उन्होंने शांत कराते हुए आतंकियों से निपटने की बात कही। अमहद ने कारों के पीछे से ही आतंकी की हर हरकत पर नजर बनाए रखे। जैसे ही उनको मौका मिला वह आंतकी पर झपट पड़े। और गन छुड़ा ली। लेकिन गन चलाना नहीं आता था तो सिर्फ आतंकी पर ताने रहे।

आतंकी के बेटे ने मारी गोली

गन छूटने के बाद आतंकी अहमद से डरकर भाग गया। तब उन्होंने बंदूक को पेड़ पर टिकाया। लेकिन तभी दूसरी तरफ से आतंकी के बेटे नवीद अकरम ने हमला कर दिया। उनकी फायर की गोली अहमद के कंधे पर लगी। वह बेहोश होकर नीचे गिर पड़ा। आतंकियों की पहचान साजिद अकरम और नवीद अकरम के रूप में हुई है।

लोगों की जान बचाने वाले की गलत पहचान वायरल

लोगों की जान बचाने वाले अहमद अल अहमद को लेकर लोगों ने कहा कि वह सिडनी के सदर्न सुदरलैंड का रहने वाला है। और फल विक्रेता है। लेकिन यह जानकारी गलत निकली वह एक तंबाकू और स्पेशलिटी सुविधा स्टोर का मालिक है, जिसे वह 2021 से चला रहा है। गलत पहचान इसलिए भी तेजी से फैली क्योंकि ऑस्ट्रेलियाई लोग हमले के बाद आभार व्यक्त करने के तरीके ढूंढ रहे थे।

कौन है अहमद अल अहमद

बता दें कि अहमद अल अहमद मूल रूप से सीरिया के हैं। वह गृहयुद्ध के चलते 2006 से सीरिया से भागकर ऑस्ट्रेलिया आए। ऑस्ट्रेलिया में उनकी तंबाकू की दुकान है। अहमद दो बेटियों के पिता हैं।

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