सुप्रीम कोर्ट ने नागालैंड आरक्षण के बहाने केंद्र सरकार कोई लगाई फटकार, कहा - जिन राज्यों में आपकी सरकार, वहां एक्शन क्यों नहीं ?

नईदिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने नगालैंड के स्थानीय निकाय में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण लागू न होने पर राज्य सरकार को फटकार लगाई है। जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि राज्य की विशेष स्थिति का हवाला देकर केंद्रीय प्रावधान को लागू करने से नहीं बचा जा सकता है। मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया कि राज्य में महिलाओं के लिए आरक्षण क्यों लागू नहीं किया गया? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा,आप अपनी ही पार्टी की राज्य सरकारों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करते? आप उन अन्य राज्य सरकारों (गैर भाजपा) के खिलाफ अतिवादी रुख अपनाते हैं जो आपके प्रति उत्तरदायी नहीं हैं, लेकिन जब राज्य में आपकी सरकार होती है तो आप कुछ नहीं करते।’
कोर्ट ने नागालैंड में महिला आरक्षण से जुड़ी अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणियां कीं। जिसमें नागालैंड सरकार और राज्य चुनाव आयोग (SEC) को महिलाओं के लिए 33% आरक्षण के साथ स्थानीय निकाय चुनाव कराने के निर्देश देने वाले उसके आदेश का अनुपालन न करने का आरोप लगाया गया था।कोर्ट ने अंतिम मौका देते हुए कहा कि केंद्र को भी देखना चाहिए कि वहां पूरे देश जैसी व्यवस्था लागू हो सके। नागालैंड राज्य की महिलाओं ने जीवन के हर क्षेत्र में प्रगति की है, वहां उनके लिए आरक्षण लागू होना चाहिए। नगालैंड की विशेष स्थिति को देखते हुए हम इतना ही कह सकते हैं कि वहां के पर्सनल लॉ से छेड़छाड़ नहीं होगी।सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर का भी जिक्र किया। कोर्ट ने कहा कि नागा आबादी का एक हिस्सा मणिपुर में भी रहता है। नगालैंड की स्थिति फिलहाल मणिपुर से अच्छी है।